सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, 'मुफ्त उपहारों' पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते?

in #rr2 years ago

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में उपहार देने की परंपरा जैसे गंभीर मुद्दे पर बहस होनी चाहिए और पूछा कि केंद्र इस पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाता। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब तक राजनीतिक दलों के बीच सर्वसम्मत निर्णय नहीं हो जाता कि मुफ्तखोरी अर्थव्यवस्था को नष्ट करती है, तब तक कुछ नहीं हो सकता क्योंकि राजनीतिक दल ही इस तरह के वादे करते हैं और चुनाव लड़ते हैं, न कि व्यक्ति। भारत सरकार इस पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाती?
अदालत ने कहा, इस पर एक बहस होनी चाहिए। मुद्दा गंभीर है, इसमें कोई संदेह नहीं है। सवाल यह है कि सभी राजनीतिक दल क्यों नहीं मिलते हैं और सरकार एक बैठक बुला सकती है। चीफ जस्टिस एन वी रमण और न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने चुनाव के दौरान पार्टियों द्वारा मुफ्त उपहार के वादों का विरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां की। शुरुआत में याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने सुझाव दिया कि पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा जैसे शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को इस पहलू पर गठित की जाने वाली समिति का अध्यक्ष होना चाहिए।saparama-karata_1649761976.jpeg