कई गांवों में घुसा पानी, छत पर गुजारा कर रहे बाढ़ पीड़ित

बहराइच 15 सितंबर : (डेस्क) मिहींपुरवा तहसील में बाढ़ का पानी 20 से अधिक गांवों में घुसा।लगातार बढ़ते जलस्तर से लोग रहम की प्रार्थना कर रहे हैं।मिहींपुरवा क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।

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नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश और गिरिजा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी उफान पर है, जिससे मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

बाढ़ ने सुजौली, चहलवा, जंगल गुलरिया, गिरगिट्टी और माजरा सहित कई गांवों को प्रभावित किया है। गिरिजा बैराज और सरयू बैराज के सभी गेट खुले होने के कारण डाउनस्ट्रीम में बसे गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। करमोहना, पुरैनारघुनाथ, अस्सीपुरवा, सर्राकला, पड़रिया, चंदनपुर, बढ़ैया, जालिम नगर, सुमईगौढी, गिरगिट्टी और मनगौडिया जैसे गांवों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है।

स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है, लेकिन बाढ़ की भीषण स्थिति ने हजारों परिवारों के सामने गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं। ग्रामीणों ने अपने आशियाने को बचाने के लिए खुद ही प्रयास शुरू कर दिए हैं।

सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे बहराइच जिले के अन्य क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोग रहम की प्रार्थना कर रहे हैं और अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।

इस संकट के बीच, प्रशासन ग्रामीणों की मदद के लिए सक्रिय है, लेकिन बाढ़ की तीव्रता और जलस्तर में निरंतर वृद्धि ने राहत कार्यों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ग्रामीणों की सुरक्षा और राहत की आवश्यकता अब सबसे प्राथमिकता बन गई है।