पिता हाई कोर्ट में सीजे के चालक अब बेटी बन जज
आरजेएस परीक्षा में 66 वीं रेंक हासिल करने वाली कार्तिका गहलोत से खास बातचीत
पिता हाईकोर्ट में सीजे के ड्राइवर,अब बेटी बनी जज
देसूरी। जोधपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की 31 वर्ष से गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर राजेन्द्र गहलोत की बेटी कार्तिका ने पहले ही प्रयास में राजस्थान न्यायायिक सेवा (आरजेएस) में 66वीं रेंक हासिल की है। वह सपरिवार चितौड़गढ़ में बाण माता मंदिर में दर्शन करने के बाद जोधपुर जाते वक्त देसूरी पहुचने पर कार्तिका गहलोत व उनके पिता से खास बातचीत की दिलदार भाटी ने।
कार्तिका गहलोत ने अपने इंटरव्यू में
नमस्कार,मैं इस बार आरजेएस परीक्षा में 66वीं रैंक के साथ सलेक्ट हुई हूं।
मैने इसी वर्ष फरवरी में जय नारायण विश्वविद्यालय से लॉ कम्प्लीट की है। ओर अभी तक के पांच साल के इंटरगेटिव लॉ कोर्स की अपने कॉलेज की पहली स्टूडेंट हूं,जिसने आरजेएस क्लियर की।हर स्टूडेंट चाहता है की उनकी सफलता का श्रेय अभिभावक को जाये ,यह सच्च भी है। मेरे केस में भी यही बात है, मेरे पिताजी सीजे साहब के ड्राइवर है,वे पिछले 31वर्ष से इसी सेवा में है। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को देती हूं। पापा का हर चीज में बहुत सपोर्ट रहता है जैसे बुक्स, गाइडेंस वगेरा ओर ममी का मॉडल व इमोशनल सपोर्ट मिलता रहा।
मैं सेंटेस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ी हूं। वहां का स्टाफ बहुत सपोर्ट करने वाला है, मैं इंटरव्यू से पहले भी मुकेश कछवाहा सर,भोजराज व्यास सर समेत स्टाफ से मिलकर आई,वे बहुत खुश थे। कॉलेज में भी बहुत सारे टीचर्स थे ओर कोर्ट में दो साल तक इन्टरशिप के दौरान धर्मेन्द्र स्वाना सर का बहुत सपोर्ट रहा।
संवाददाता - कितने वर्ष से आप तैयारी कर रहे थे?
कार्तिका - मैने कोरोना काल के बाद तैयारी शुरू की,इससे पहले उत्कर्ष एप से तैयारी की थी। मेन्स एग्जाम व इंटरव्यू के लिए कोई मॉक टेस्ट सीरीज नही ली।
मगर पापा के दोस्त सोमेन्द्र देवड़ा सर द्वारा दिए गए मॉक टेस्ट गाइडेंस की वजह से ही इंटरव्यू क्लियर हुआ।
संवददाता - तैयारी करने वाले अन्य स्टूडेंट को क्या संदेश देना चाहेंगे,किसी तरह से तैयारी की जाये?
कार्तिका- अपना बेसिक फोकस अपने ब्रेन पर लगाना चाहिए।एक कंसिस्टेंसी रहनी चाहिए। ऐसा नही की एक दिन पढ़ा दो दिन पढ़ा हो।जरूरी नही की बुक से ही पढ़े ,नेट से भी पढ़ सकते है लेकिन कंसिस्टेंसी रहनी जरूरी है।
पिता राजेन्द्र - मैं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस साहब की गाड़ी का 31 साल से चालक हूं। आज मेरी बेटी आरजेएस में पास हुई है,हाईकोर्ट से चुन चुन कर जो चीज लाकर दी यह उसी का ही फल है। ओर मेरे स्टाफ व सीनियर एडवोकेट,न्यायाधीशों ने बहुत गाइड किया। कई बार मॉक टेस्ट भी लिए। कार्तिका ने जज बनकर नाम रोशन किया,इसलिए मुझे खुशी है। साक्षात्कार के समय कार्तिका गहलोत की माता जयश्री गहलोत व छोटा भाई सारांशु साथ थे।