Mata Vaishno Devi: वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए RFID कार्ड शुरू, दर्शन में होगी आसानी
उपराज्यपाल व श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मनोज सिन्हा ने बुधवार को तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) कार्ड प्रणाली की शुरुआत की। यह कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा। इसकी मदद से भीड़ प्रबंधन के साथ यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की पल-पल की जानकारी हासिल हो सकेगी। कुछ दिनों से यह कार्ड ट्रायल के तौर पर श्रद्धालुओं को दिया जा रहा था। इसके लिए कटड़ा में 29 काउंटर व नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।स्काई वाक का काम दिसंबर तक होगा पूरा उपराज्यपाल बुधवार को श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के मातृका सभागार में श्राइन बोर्ड के 37वें स्थापना दिवस और चरण पादुका स्थित माता वैष्णो देवी गुरुकुल के 12वें वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भवन पर स्काई वाक का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। इससे श्रद्धालुओं के भवन पर मंदिर में आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे।
आरएफआईडी कार्ड को लेकर महत्वपूर्ण चीजें-
आरएफआईडी कार्ड मौजूदा पेपर यात्रा पर्चियों की जगह लेगा। ये तीर्थयात्रियों को आधार शिविर से यात्रा की शुरुआत में जारी किए जाएंगे।
आरएफआईडी कार्ड रखने वाले व्यक्ति को पूरे 13 किलोमीटर के रास्ते में ट्रैक किया जा सकता है।
जब लोग रास्ते में लापता हो जाते हैं और परिवार उनकी तलाश कर रहे होते हैं तो आरएफआईडी कार्ड उनकी मदद करेगा।
आरएफआईडी कार्ड एक बार ही उपयोग हो सकता है और तीर्थयात्रियों को उन्हें यात्रा निकास बिंदु के पास काउंटर पर जमा करना होगा।
आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से लैमिनेटेड फाइबर युक्त कार्ड होंगे और तीर्थयात्रियों को बिना किसी खर्च के जारी किए जाएंगे।
श्राइन बोर्ड ने ट्रैकिंग सिस्टम को बेहतरीन बनाते हुए पूरे यात्रा मार्ग में एंटेना लगाए हैं। निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है।
सुरक्षा है मुख्य मुद्दा
चूंकि वैष्णो देवी मंदिर जम्मू और कश्मीर में स्थित है, इसलिए सुरक्षा हमेशा प्रमुख चिंता का विषय है और ये एक्सेस कार्ड सुरक्षा प्रतिष्ठान को ट्रैक करने और तीर्थयात्रियों की भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में भी मदद करेंगे। अनुमान के मुताबिक, हर साल जम्मू के रियासी जिले में कटरा में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में लगभग एक करोड़ तीर्थयात्री आते हैं।
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