प्रार्थना सभाओं के जरिए धर्म परिवर्तन के प्रयास में जुटा नेटवर्क

महाराजगंज 16 सितंबर : (डेस्क) सीमावर्ती गांवों में गोपनीय रूप से प्रार्थना सभाओं की चर्चा, पूरा नेटवर्क सक्रिय।नेपाल में जुड़े लोग छोटी जगहों पर प्रार्थना सभा कर धर्म परिवर्तन का प्रयास कर रहे हैं।

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भारत और नेपाल के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में धर्म परिवर्तन के प्रयासों को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आ रही हैं। महराजगंज और निचलौल के कई गांवों में गोपनीय तरीके से प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य लोगों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस कार्य में एक संगठित नेटवर्क सक्रिय है, जो इन गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

नेपाल में इस नेटवर्क से जुड़े लोग छोटी-छोटी जगहों पर प्रार्थना सभाएं कर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। नेपाल में हाल ही में हुई एक घटना ने इस मुद्दे को उजागर किया है, जिसमें कुछ लोगों ने प्रार्थना सभा के दौरान हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया और लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस को शिकायत दी।

इस प्रकार की गतिविधियों से क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई है। लोगों में डर है कि यह नेटवर्क धर्म परिवर्तन के जरिए समाज में विभाजन पैदा कर रहा है और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहा है। नेपाल में भी इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है। नेपाल सरकार ने धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया है, जिसके तहत धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित किया गया है।

भारत में भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की जा रही है। कुछ हिंदू संगठनों का कहना है कि धर्म परिवर्तन के प्रयासों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि धर्म का चयन करना हर व्यक्ति का अधिकार है और किसी पर जबरदस्ती धर्म थोपना नहीं चाहिए।

इस मुद्दे पर सरकार और समाज दोनों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। धर्म परिवर्तन के प्रयासों पर रोक लगाने के साथ-साथ लोगों को भी अपने धर्म के प्रति सजग रहने की जरूरत है। धार्मिक सौहार्द और सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।