बलरामपुर में शारदीय नवरात्रि मेले की तैयारी

बलरामपुर 10 सितंबर : (डेस्क) महंत देवीपाटन मंदिर मिथलेश नाथ योगी, डीएम पवन अग्रवाल, और पुलिस अधीक्षक विकास कुमार।शारदीय नवरात्रि मेले की तैयारियों को लेकर रणनीति बनाना।

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बलरामपुर के तुलसीपुर स्थित देवीपाटन मंदिर में सोमवार को शारदीय नवरात्रि मेले की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता महंत देवीपाटन मंदिर मिथलेश नाथ योगी ने की, जिसमें जिला मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बैठक का उद्देश्य

बैठक का मुख्य उद्देश्य शारदीय नवरात्रि मेले की तैयारियों की समीक्षा करना और सुनिश्चित करना था कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर पूरी हों। महंत मिथलेश नाथ योगी ने मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े।

सुरक्षा और व्यवस्था

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। इसके अलावा, उन्होंने साफ-सफाई, पेयजल, और शौचालय की व्यवस्था पर भी ध्यान देने की बात कही।

सुविधाओं का प्रबंधन

डीएम पवन अग्रवाल ने बैठक में कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत आपूर्ति, जल निकासी, और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने रैन बसेरों और पार्किंग की व्यवस्था पर भी चर्चा की, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

स्थानीय समुदाय का सहयोग

बैठक में स्थानीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। महंत मिथलेश नाथ योगी ने कहा कि स्थानीय निवासियों को मेले की तैयारियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए, ताकि यह आयोजन सफल हो सके।

इस बैठक के माध्यम से बलरामपुर में शारदीय नवरात्रि मेले की तैयारियों को लेकर एक ठोस योजना बनाई गई है। सभी अधिकारियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि मेले का आयोजन सुचारू रूप से हो और श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद अनुभव मिले।

इस प्रकार, देवीपाटन मंदिर में आयोजित यह बैठक न केवल मेले की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह स्थानीय समुदाय और प्रशासन के बीच सहयोग को भी बढ़ावा देने का एक अवसर था।