मोबाइल टॉर्च की रोशनी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन

गोंडा 13 सितंबर : (डेस्क) करनैलगंज के सरयू घाट पर विसर्जन के दौरान लोगों को हुई कठिनाइयाँ।लोग 12:00 बजे तक मोबाइल की लाइट जलाकर सरयू नदी में गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते रहे।विसर्जन के लिए कोई उचित व्यवस्था न होने पर स्थानीय लोगों ने जताई असंतोष।

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गोंडा में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान करनैलगंज के सरयू घाट पर अव्यवस्था के कारण लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गणेश चतुर्थी के अवसर पर स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है, लेकिन इस बार प्रशासनिक व्यवस्था की कमी ने श्रद्धालुओं को परेशान किया।

गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए हजारों लोग सरयू घाट पर एकत्रित हुए। हालांकि, घाट पर कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रात के समय, जब लोग अपनी प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए पहुंचे, तो अंधेरे में उन्हें रास्ता देखने में कठिनाई हुई। ऐसे में, श्रद्धालुओं ने अपनी मोबाइल की लाइट जलाई और उसी रोशनी में देर रात 12:00 बजे तक विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया।

स्थानीय लोगों ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि प्रशासन को पहले से ही इस महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। घाट पर न तो पर्याप्त रोशनी थी और न ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था, जिससे श्रद्धालुओं में असुरक्षा का अनुभव हुआ।

गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोग भक्ति गीत गाते हुए और जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े, लेकिन अव्यवस्था के कारण उनका उत्साह कुछ कम हो गया। कई लोगों ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएँ साझा की और प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की मांग की।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रशासनिक तैयारियों का महत्व कितना अधिक होता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।

गणेश उत्सव के दौरान इस प्रकार की अव्यवस्था से न केवल श्रद्धालुओं का अनुभव प्रभावित होता है, बल्कि यह धार्मिक आयोजनों की गरिमा को भी कम करता है। इसलिए, स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और आगामी आयोजनों के लिए बेहतर योजना बनानी चाहिए।