हाथरस में भक्तों ने शिवालयों में पहुंचकर की भोलेनाथ की पूजा, वातावरण भोले की भक्ति में डूबा
अलीगढ़ 19 अगस्त : (डेस्क) सावन के आखिरी सोमवार की सुबह से ही पूरा वातावरण बाबा भोलेनाथ की भक्ति में डूब गया। शिवालयों में पूजा-अर्चना का सिलसिला भोर की पहली किरण के साथ शुरू हुआ। भक्तों ने दूध और जल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया। मंदिरों में काफी भीड़ उमड़ी। मंदिरों में भव्य शृंगार किए गए। कुछ भक्त गंगा घाटों से कांवड़ भी लेकर आए और बाबा भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक किया।
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कानपुर में सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ शिवालयों में उमड़ी। भक्तों ने बाबा भोलेनाथ की पूजा विधिपूर्वक की, जिसमें दूध और गंगाजल से अभिषेक किया गया।
भोर से ही मंदिरों में "बोल बम" के जयकारे गूंजने लगे। भक्तों ने बेलपत्र, धतूरा, भांग, काले तिल, फल और फूलों से पूजा की।
प्रमुख मंदिरों में बाबा आनंदेश्वर, जागेश्वर, सिद्धनाथ और वनखंडेश्वर शामिल थे, जहां श्रद्धालुओं ने महादेव से सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। इस अवसर पर भक्तों ने एक-दूसरे से मिलकर उत्सव का आनंद लिया और धार्मिक आस्था को प्रकट किया.
सावन के इस महीने में कई मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, विशेषकर तिलक नगर के श्री सनातन सात मंजिला मंदिर में। यहां भक्तों ने जलाभिषेक और दूध चढ़ाने के लिए लंबी कतारें लगाईं, जो सावन के सोमवार का विशेष महत्व दर्शाती हैं.
इसके अलावा, बनारस के शिवालयों में भी भक्तों की संख्या में वृद्धि हुई, जहां "बोल बम" के जयकारों के बीच श्रद्धालु जलहरी चढ़ा रहे थे. इस महीने में शिव की कृपा पाने के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कई मंदिरों में एक साथ बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठा हुए हैं।