सरयू नदी का जलस्तर लाल निशान से 34 सेमी ऊपर, कटान शुरू

in #reached5 days ago

बाराबंकी 14 सितम्बरः (डेस्क)बाराबंकी में बाढ़ का कहर: सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 34 सेमी ऊपर, 69 गांवों के परिवार होंगे स्थायी जगह बसाए बाराबंकी जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से सरयू नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है

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नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 34 सेमी ऊपर पहुंच गया है और प्रति घंटे 2 सेमी की दर से बढ़ रहा है। इससे तराई इलाके के गांवों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन की तैयारी कर रहे हैं।

बाढ़ प्रभावित गांवों के परिवारों को स्थायी जगह बसाया जाएगा
बाराबंकी की दो तहसीलों के करीब 70 गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं। इस स्थायी समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन ने इन गांवों के परिवारों को दूसरी जगह स्थायी तौर पर बसाने का प्लान बनाया है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पिछले वर्षों में आई बाढ़ के अनुभव के आधार पर कार्य योजनाएं तैयार की जाएं।

बाढ़ से बेहाल हुए गांवों में पहुंचा प्रशासन
बाढ़ से बेहाल हुए गांवों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। जलशक्ति मंत्री ने नयापुरवा और कुसौरा गांव का निरीक्षण किया और अतिसंवेदनशील बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की श्रेणी में शामिल किया। उन्होंने बाढ़ कटान को रोकने के कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों को तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए।

बाढ़ से प्रभावित हुए दर्जनों स्कूल
सरयू नदी की बाढ़ से बाराबंकी जिले के दर्जनों प्राथमिक विद्यालय प्रभावित हुए हैं और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। तिलवारी गांव के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अनूप सिंह ने बताया कि स्कूल में पानी भर गया है और सारा सामान सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई जारी रह सके। अगर बारिश और बढ़ती है या सरयू नदी का जलस्तर और बढ़ता है तो स्कूलों को बंद करना पड़ सकता है।

तटबंध पर शरण ले रहे ग्रामीण
बाढ़ से प्रभावित गांवों में पानी भरने के कारण लोग अपने घर-बार छोड़कर तटबंध पर शरण ले रहे हैं। रुक-रुक कर हो रही बारिश से वे तिरपाल के नीचे गुजारा कर रहे हैं। करीब 50 गांवों की 25 हजार से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है और नदी के उस पार बसे 5 गांव टापू बन गए हैं।

प्रशासन की तैयारियां
जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ से निपटने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लिया और कहा कि पिछले साल भी जिला खतरे की स्थिति में था लेकिन किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ था। इस बार भी तैयारी पूरी कर ली गई है और किसानों को किसी प्रकार की जान और माल की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 238 बाढ़ परियोजनाएं संचालित हैं।

निष्कर्ष
बाराबंकी जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 34 सेमी ऊपर पहुंच गया है और प्रति घंटे 2 सेमी की दर से बढ़ रहा है। इससे तराई इलाके के गांवों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है और लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन की तैयारी कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित 69 गांवों के परिवारों को स्थायी जगह बसाया जाएगा और प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। हालांकि, बाढ़ से दर्जनों स्कूल प्रभावित हुए हैं और बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां की हैं लेकिन लोगों को अभी भी खतरे का सामना करना पड़ रहा है।