RbI दृष्टिबाधितों की खातिर नोटों में कई स्पर्शयोग्य विशेषताएं शामिल की हैं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को मुंबई उच्च न्यायालय से कहा कि उसने दृष्टिबाधितों की खातिर नोटों में कई स्पर्शयोग्य विशेषताएं शामिल की हैं। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ 'नेशनल एसोसिएशन ऑफ ब्लाइंड' की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि दृष्टिबाधितों को नये नोटों और सिक्कों को पहचानने एवं उनमें फर्क करने में मुश्किल होती है।
RBI ने, इस अर्जी के दाखिल होने के बाद, एक मोबाइल
याचिकाकर्ता के वकील उदय वारूजिंकार ने सोमवार को अदालत से कहा कि पहले के नोट और सिक्के अलग -अलग आकार के थे जिससे उन्हें आसानी से उन्हें पहचाना जा सकता था। उन्होंने कहा,''आरबीआई ने, इस अर्जी के दाखिल होने के बाद, एक मोबाइल अप्लिकेशन विकसित किया है जिसे दृष्टबाधित लोगों द्वारा उपयोग किया जा सकता है।'' आरबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वेंकेटेश धोंड ने अदालत को बताया कि अप्लिकेशन विकसित करने के अलावा आरबीआई ने दृष्टिबाधितों के लिए काम कर रहे कई एसोसिएशनों से भी संपर्क किया है।
500 रूपये के नोट में एक वृत एवं पांच रेखाएं
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा, '' आरबीआई ने पहचान निशान और उठी हुई रेखा समेत नोटों में स्पर्श योग्य विशेषताएं विकसित की हैं। सौ रूपये के नोट में एक त्रिकोण और चार उठी हुई रेखाएं तथा 500 रूपये के नोट में एक वृत एवं पांच रेखाएं , 2000 के रूप में एक आयात एवं सात रेखाएं होती हैं।'' पीठ ने कहा कि याचिका में उठायी गयी समस्याएं गंभीर हैं। अदालत ने याचिकाकर्ता से और सुझाव देते हुए हलफनामा देने को कहा।
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