"पश्चिम बंगाल में डॉक्टर पर हमले के विरोध में यूपी के अस्पतालों में डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार"

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लखनऊ 13 अगस्त: (डेस्क)लखनऊ: पश्चिम बंगाल की एक डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में मंगलवार को यूपी के मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थानों में काम ठप रहा। जूनियर डॉक्टरों ने न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जिससे चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं। केजीएमयू, संजय गांधी पीजीआई, डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से ओपीडी सेवाएं ठप हो गईं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी का मामला बहुत गंभीर है, लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री का इस मामले में कोई बयान नहीं आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने और न्याय दिलाने की मांग की है।

पश्चिम बंगाल की घटना का विवरण

पश्चिम बंगाल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी की घटना ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। डॉक्टर संदीप घोष पर हमला करके गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर सड़कों पर उतर आए हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।

यूपी सरकार की प्रतिक्रिया

यूपी सरकार ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। राज्य चिकित्सा आयुक्त ने सभी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर होते हुए कई कदम उठाए हैं।

डॉक्टरों की मांगों पर चर्चा

केंद्र सरकार को भी इस मामले पर गंभीरता दिखानी चाहिए और डॉक्टरों की मांगों पर गौर करना चाहिए। डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है। यदि डॉक्टरों को सुरक्षित नहीं रहा तो वे अपना कार्य कैसे कर सकते हैं। इस मामले पर प्रधानमंत्री का बयान आना भी जरूरी है ताकि डॉक्टरों को न्याय मिल सके और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी डर के कर सकें।