रामकथा के चौथे दिन भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को रामकथा सुनाए जाने के प्रसंग का हुआ वर्णन

in #ramkatha2 years ago

हरदोई-रामकथा के चौथे दिन कल रामकथा की अमृतधारा का प्रवाह व्यास सुखनंदन शरण महाराज के श्री मुख से अविरल बहा। विवाह के उपरांत माता पार्वती को भगवान FB_IMG_1653842029727.jpgभोलेनाथ द्वारा रामकथा के सुनाए जाने के प्रसंग को व्यास जी द्वारा प्रारंभ किया गया। उन्होंने बताया, विवाह उपरांत माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से भगवान राम को लेकर 14 प्रश्न किए। जिसके जवाब में भगवान भोलेनाथ ने माता पार्वती से कहा,

जन्म एक द्वि कहउ बखानी
सावधान सुनि सुमित भवानी ।

अर्थात हे भवानी बहुत अच्छा विषय है कि आप भगवान राम की महिमा के बारे में जानने के लिए प्रश्न पूछ रही हैं। लेकिन मैं उनके पूरे व्यक्तित्व का वर्णन नहीं कर सकता। फिर भी अगर आप कह रही हैं तो मैं उनके एक दो जन्म की कथा का बखान करूंगा। आपने यह प्रश्न स्वयं के साथ-साथ संपूर्ण जगत के कल्याण हेतु किए हैं, क्योंकि इन प्रश्नों में समस्त कलयुग के धर्मावलंबियों के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाने वाले उत्तर निहित हैं। इनके उत्तर कलिकाल में प्राणियों द्वारा आत्मसात करने के योग्य है और हे भवानी केवल सर्व गुण संपन्न व्यक्ति ही भगवान का भजन व स्मरण करें ऐसा नहीं है क्योंकि

जिन हरि भगति हृदय नहीं आनी,
जीवत शव समान ते प्राणी।

अर्थात जिनके हृदय में राम कृपा ने स्पर्श नहीं किया वे जीवित होते हुए भी शव के समान हैं।

जिन हरि कथा सुनही नहीं काना,
श्रवण रन्ध्र अहि भवन समाना।

जिन्होंने प्रभु की कथा को अपने कानों से नहीं सुना उनके कान के छिद्र सांप के बिल के समान ही हैं। आपके प्रेम के वशीभूत हो मैं आपसे भगवान राम की कथा को वर्णित कर रहा हूं। व्यास सुखनंदन शरण ने कहा कि प्रेम के वशीभूत होकर कुछ भी संभव है क्योंकि इस संसार में सर्वश्रेष्ठ प्रेम ही मात्र आधार है। जिस व्यक्ति के जीवन में प्रेम नहीं है उस व्यक्ति का कोई भी प्रत्यक्ष अस्तित्व नहीं है। जीवन में किसी को भी लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं पालना चाहिए क्योंकि भ्रम और विश्वास एक साथ नहीं चल सकते। धर्म सती जी ने किया तो उन्हें अपना शरीर त्यागना पड़ा और विश्वास माता पार्वती ने किया तो उन्हें जीवन के आधार रूपी भगवान शंकर की प्राप्ति हुई। उन्होंने कहा

प्रेम जब अनंत हो गया
रोम रोम संत हो गया

भक्ति मय और संगीत मय वातावरण में सुनाई गई इस कथा के दौरान भारी संख्या में भक्तगण रामकथा की लहरियों पर झूमते रहे। मुख्य आरती में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा, वरिष्ठ संवाददाता एवं समाजसेवी अभय शंकर गौड़, पूर्व डीजीसी अविनाश गुप्ता 'अब्बी' सहित सैकड़ों गणमान्य उपस्थित रहे। कथा का समापन व्यास जी द्वारा नारद मोह के प्रसंग के साथ किया गया। प्रसाद वितरण के साथ कथा का विश्राम हुआ। इस अवसर पर आयोजक मंडल समेत भारी संख्या में भक्त गणों की उपस्थिति रही। कल के मुख्य यजमान जलज बाजपेई द्वारा प्रातः वेदिका पूजन सपत्नीक किया गया।