रक्षाबंधन पुण्य मुहूर्त 12 अगस्त प्रातः 5:30 से 7:16 तक

कुशीनगर।IMG-20220808-WA0327.jpg

रक्षाबन्धन माहात्म्य…….॥
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान”ट्रस्ट”
के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा इस वर्ष 11 अगस्त गुरुवार को प्रात:09:36 से शुक्रवार 12 अगस्त को प्रात: 07:16 तक है ॥
भद्रा पूर्णिमा गुरुवार के दिन रात्रि 08:25 बजे तक है भद्रा काल में रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व वर्जित है जैसे …”भद्रायाम् द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा”भद्रा में श्रावणी (उपाकर्म रक्षाबन्धन)व होलिका दहन नही होता चाहे वो कही की भी भद्रा हो अतः 11 अगस्त गुरुवार को रात्रि 08:26 के बाद आवश्यक होने पर या शुक्रवार को उदया तिथि में 12 अगस्त को प्रातः 07:16 तक रक्षाबन्धन का पुनीत पर्व मनाया जाना शुभ होगा ॥

रक्षाबंधन का पुनीत पर्व श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाएगा।
उदया तिथि के अनुसार शुक्रवार 12अगस्त को प्रातः07:16 बजे तक उत्तम मुहूर्त है।
बहनों को चाहिए कि वह भाई को रक्षा बांधते समय भगवान गणेश का ध्यान कर उनसे मंगल की कामना करें। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है कि श्रावणी ( रक्षाबंधन ) का त्यौहार सनातन धर्मियों के लिए वर्ष का प्रथम त्यौहार माना गया है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को तथा बहनें अपने भाई को रक्षा बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना करते/ करती हैं। रक्षा बांधने का एक मन्त्र सर्व प्रचलित है"येन बद्धो बली राजा दान वेंद्रो महा बल: तेन त्वां प्रति बद्धनामि रक्षे माचल माचल"। इसी मन्त्र से प्राचीन काल में द्रोपदी ने श्री कृष्ण को व देव गुरु वृहस्पति ने इन्द्र को रक्षा बांधी थी। इसी दिन श्रावणी का उपाकर्म ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है।जिसमें वेद पाठी ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों द्वारा यज्ञोपवित की शुद्धि व प्रतिष्ठा करते हैं।जिससे वह यज्ञोपवीत पूरे वर्ष भर तेज व ज्ञान प्रदान करता है।
रक्षा बांधने का विशेष समय
शुक्रवार को प्रातः 05:30 से 07:16 बजे पूर्णिमा तिथि तक । धनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन है सौभाग्य योग मिल रहा है ।इस प्रकार रक्षाबन्धन उपरोक्त समय में ही बाधकर पुनीत पर्व मनाएं।