विश्वगुरु

in #rajnitik2 years ago

यह तो दुनिया उनका एहसान माने कि वे दुनिया को समस्या की पहचान करा देते हैं, अन्यथा तो दुनिया समस्या को समस्या समझबै न करे, उल्टे वह उसे अपना सौभाग्य समझ दिनानुदिन उसकी बढ़ती का कीर्तन करे। दुनिया की इसी हरकत को देखकर ही कहा गया है कि दुनिया की उल्टी रीति रहती है।

जब हमारा वाला कोहिनूर खुलकर कह देता है कि यह समस्या है और इसे समस्या ही माना जाय, तब जाकर दुनिया कहीं समस्याग्रस्त होती है और यही नहीं, उनके विचार करने के उपरांत ही दुनिया प्रस्थापित विचार पर विचरण करने को बाध्य होती है।

दुनिया यूँ ही नहीं अपुन को विश्वगुरु कहती है कुछ तो बात हैय्ये है अपने में। अब समझ में आता है कि "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी" वाली लाइन में कितना गहरा अर्थ छुपा था। इस इकबालिया बयान वाले गीत में इतना लंबा भविष्य छुपा होगा यह न जानते थे। तब न समझे, मगर अब समझे। ऐसे ही नहीं शायर की महिमा गाई जाती है। जय हो शायर महोदय की कि उन्होंने हमारे नायक को बहुत पहले ही अपने ज्ञानचक्षुओं से देख लिया था!!!


- संजीव शुक्ल