ताजिये निकाल कर,और मातम मानकर इमाम,हुसैन की शहादत को किया याद
Raju malviya//छापीहेड़ा//आपको बता दे कि मुस्लिम समुदाय के अनुयायी इमाम हुसैन की शहादत को पूरी दयनीय में सब अपने अपने तरीके से याद करते है,और मानते है।
ठीक उसी तरह राजगढ़ जिले के छापीहेड़ा नगर में भी इममहुसैन के ताजिये बनाए गए और उर्दू की 11 तारिक़ को मोहर्रम जलसा निकालकर,ढोल , नगाड़े और तासे बजाकर, पूरे नगर में घुमाया गया, माना जाता है कि ताजिये के नीचे से निकलने वालों की हर मुराद पूरी होती है, जिसे सब मुस्लिम समुदाय के लोग मातम के रूप में मनाते है,
वही नगर में भारी बारिश के चलते गिरते पानी मे जुलूस के साथ- साथ अखाड़े का प्रदर्शन भी किया गया, और हिन्दू, मुस्लिम दोनो समुदाय के लोगो ने ताजिये के जुलूस में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया,
वही इमामी गुरु ने अपने शिष्यों,जाहिद खान और अखलाक खान के बदन पर लॉक प्रदर्शन भी किया,जो सबके लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गए, और पूरे नगर में ताजिये का जुलूस निकालकर शाम को 4 बजे कर्बला ले जाकर ताजिये मोहर्रम को पानी मे ठंडा किया गया।
जिस कार्यक्रम में नगर के बच्चे,बूढ़े, पुरुष और महिलाओं ने बढ़चढ़ का हिस्सा लिए,, और कर्बला तक साथ गए।