छापीहेड़ा नगर वार्ड 14 में उड़ रही स्वच्छता भारत अभियान की धज्जियाँ

in #rajgarh2 years ago (edited)

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Raju malviya आपको बता दे कि-
एक तरफ जहां पूरे भारत को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता के सांचे में ढाल रखा है, दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्वच्छ भारत स्वच्छ अभियान चला रखे है, उसके बाद भी स्वच्छ भारत अभियान का एक जीता जागता नमूना राजगढ़ जिले के नगर छापीहेड़ा में देखने को मिला है,
जहाँ,नगरीय अधिकारी एक तरफ तो नगर को स्वछ बनाने का दावा करते है, दूसरी तरफ देखा जाए तो नगर के कई वार्डो की नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर रोड़ पर बहाने लगता है ,दूसरी तरफ खुद नगरपंचायत के पास लगी बोर जहाँ से नगर के सेकड़ो लोग पीने का पानी भरकर ले जाते है, वहाँ आज देखा जाए यो कूड़ा और कचरा पड़ा हुवा है, इस गंदगी तरफ नगरीय प्रशासन का आज तक ध्यान क्यो नही गया?
क्योंकि यह गंदगी नगर पंचायत के बिल्कुल पास पड़ी हुई है।
आगे,वही देखा जाए तो नगर के वार्ड क्र,14 जहाँ अधिकतर दलित वर्ग के लोग निवास करते है।जो अगर घर से बाहर निकले तो उन्हें नालियों के पानी को लांघकर जाना पड़ता है, कई जगह तो समस्या ये है कि नालियां तक चौक पड़ी हुई है,और तो और रात्वके समय उन्ही नालियों के मच्छरों से वार्ड वासी इतने परेशान हो गए है, जिनका खाना, रहना, तक दुशवार हो रहा है, और तो और नगरीय प्रशासन शायद कोई बड़ी महामारी आने का इंतजार कर रही है।
आपको बता दे-कि इन्ही नालियों के बारे में कई बार नगरीय प्रशासन अधिकारी छापीहेड़ा को अवगत कराया जा चुका। मगर आज तक कोई पहल नही हई। वही वार्ड वासियों और नगर वासियो से बात करने पर हकीकत सामने आई कि नगर पंचायत इंजीनियर साहब का कहना है कि वार्ड 14 की नालियों का स्टीमेट बनाकर उन्होंने 2021 में भोपाल भेज दिया था, मगर शायद स्टीमेट आज तक भोपाल से पैदल चलकर आ रहा है।
वही दूसरी तरफ देखा जाए तो यही वो वार्ड है जिसमे चुनाव को लेकर इतनी अफरा तफरी मची हुई है, की लगभग 11 से 12 दावेदार अपना चुनावी प्रदर्शन दिखाने वाले है, जी है ये वो वार्ड 14 है जहाँ नगरी चुनाव पहली बार नही होगा, ना ही पहली बार वार्ड 14 में पार्षद बनेगा।
अगर नगर के जनप्रतिनिधियों की बात करे तो बस नगर में क्या हो रहा है और क्यो हो रहा है, किसी को कोई मतलब नही।
आगे जब नगरीय प्रशासन अधिकारियों से इस बारे में बात की जाए यो उनका जवाब बस एक होगा कि वार्ड 14 में नालियों में पानी निकासी ढाल नही है, तो क्या नालियां खुदबखुद बन गई या रातोरात बन गई। अगर हाँ तो फिर इस नालिनिर्माण के कार्यो मे कितने अधिकारियों ने अपनी जेब भारी।