सारंगपुर के ग्राम पड़ाना में जलसंकट गहराया, प्राइवेट टैंकरों के भरोसे ग्रामीण जन

in #rajgarh2 years ago

सारंगपुर के ग्राम पड़ाना में जलसंकट गहराया, प्राइवेट टैंकरों के भरोसे ग्रामीण जनIMG-20220429-WA0011.jpg
प्रशासन सहित पीएचई विभाग नहीं दे रहा है ध्यान जल संकट की संभावना
200 लीटर का ड्रम 20 रुपए में 15 लीटर का जार 2 रुपए में मिल रहा है पानी
पड़ाना, राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील का सबसे बड़ा करीब दस हजार जनसंख्या वाला कस्बा जिसमें 12 महीने जल संकट बना रहता है कहने को तो कस्बे में नल जल योजना के तहत पानी की टंकी बनी हुई है ग्राम पंचायत के माध्यम से पूरे कस्बे में नलों के द्वारा ग्रामीणों को पानी पहुंचाया जाता है परंतु कई मोहल्लों में तो उक्त पानी की टंकी का पानी कई मोहल्ले वासियों को नसीब नहीं होता है जबकि लोगों के द्वारा गहरे गड्ढे खोदने के बाद भी नलों का पानी उनके घरों तक नहीं पहुंच पाता है टंकी में पानी होने के बावजूद भी 4 दिन में एक बार एक मोहल्ले में नल जल योजना के द्वारा पानी दिया जाता है परंतु कस्बे में जलस्तर कम हो जाने के कारण करीब 2 माह से पानी की टंकी भरना मुश्किल हो गया है तथा नल जल योजना ठप पड़ी हुई है हाल ही में कस्बे के ग्रामीणों को प्राइवेट टैंकरों के भरोसे प्रत्येक मोहल्लों में टैंकरों के द्वारा 200 लीटर का ड्रम 20 रुपए में तथा 15 लीटर का जार 2 रुपए में ग्रामीणों को नसीब हो रहा है कहने को कस्बे में 26 हैंडपंप है परंतु जिनमें से जलस्तर कम हो जाने के कारण एक या दो हैंडपंप ही चालू है तथा तकनीकी खराबी के चलते कई बंद पड़े हुए हैं समाजसेवी लोगों के द्वारा अपने निजी ट्यूबवेल से मोहल्ले के लोगों को पानी पिलाते हैं महिला तथा पुरुष पानी के जार बर्तन लेकर के प्रातः 5:00 बजे से लेकर रात्रि में भी इधर उधर घूमते रहते हैं प्रातः पटेल मोहल्ले में प्राइवेट पानी का टैंकर आने के दौरान पानी भरने के लिए महिला पुरुषों की भीड़ लग गई जिसके बाद भी टैंकर से ग्रामीण लोगों को पानी नसीब नहीं हो पाया तथा इधर-उधर भटकते रहे अधिकांश हैंड��हैंडपंप बंद पड़े हुए हैं परंतु पीएचई विभाग के द्वारा हैंडपंपों के अंदर पाइप की रांड नहीं बढ़ाई जा रही है ऐसा कई हैंडपंपों की हालात खराब है पीएचई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का एक ही रटा रटाया जवाब है की हैंडपंपों का जलस्तर कम हो गया है परंतु इन हैंडपंपों को सुधारा नहीं जा रहा है एक या दो हैंडपंप चालू है तो उनके अंदर पीने के योग्य पानी नहीं है इतनी बड़ी आबादी का कस्बा वर्षों से जल संकट से जूझ रहा है परंतु शासन प्रशासन के द्वारा कस्बे वासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है गर्मी के दिनों में एकमात्र 8,10 प्राइवेट टैंकरों के माध्यम से 200 लीटर ड्रम 20 रुपए में तथा एक 15 लीटर की कुप्पी जार 2 रुपए में भरी जा रही है ऐसे में निर्धन परिवारों को आर्थिक रूप से संकट पीने के पानी के लिए झेलना पड़ रहा है तथा जिस मोहल्ले में प्राइवेट पानी के टैंकर नहीं पहुंचते हैं वहां पानी के लिए हाहाकार मच जाता है ग्रामीण जन नगीन जेन महेश पुरी गोस्वामी, दिनेश सेन, गोलू टेलर नाहर सिंह गुर्जर,रामबाबू शर्मा, संतोष चतुर्वेदी, सतीश शर्मा हेमंत पुरी गोस्वामी सौरभ वर्मा का कहना है कि इतना बड़ा कस्बा होने के बावजूद भी शासन प्रशासन के द्वारा ग्रामीणों को प्राइवेट टैंकरों के भरोसे ही कस्बे के लोगों को पानी मिल रहा है परंतु इसके लिए कोई ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत और से पीने के पानी के लिए ग्रामीणों की समस्या को ध्यान नहीं दिया जा रहा है
पानी का जलस्तर ट्यूब बेलो में कम हो जाने के कारण करीब 2 माह से नल जल योजना बंद है तथा शमशान के समीप नए ट्यूबवेल खनन पीएचई विभाग के द्वारा किया गया है जिसमें हैंडपंप डाल दिया गया है
यशवंत माली
प्रधान प्रतिनिधि पड़ाना
कस्बे में 26 हैंडपंपों से मात्र 2 हैंडपंप चालू है की जानकारी मिली है जलस्तर कम होने के कारण कुछ हैंड पंप बंद है तथा पडाना कस्बे में स्थाई स
स्थाई समूह नल योजना से ही जल संकट का निदान होगा कुछ दिन पूर्व ही पीएचई विभाग के द्वारा एक ट्यूबवेल बोर खनन किया गया है
पीएचई इंजीनियर
घनश्याम अग्रवाल

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बेहद बुरा हाल है सच में जन हितेषी खबर है

प्रशासन क्यों नहीं दे रही ध्यान