देशी/अंग्रेजी शराब दुकानों का गोरखधंधा आबकारी अधिकारी सो रहे चैन की नींद
सरकार को हो रहा करोड़ों का घाटा
खुलेआम बिक राही एमआरपी से ज्यादा रेट में शराब
कुछ शराब का तो रेट लिस्ट में नाम भी नहीं
नरसिंहगढ़/कुरावर
कुरावर में स्थित मे. शीतला माता लिंकर्स के नाम से संचालित शराब ठेके पर ना तो कोई यूपीआई कैश का लेन देन है और ना ही सभी शराब ग्राहकों को बिल दिए जाते हैं जबकि शराब एमआरपी रेट से अधिक दामों पर ग्राहकों में वितरित की जा रही है जिसका कोई लेखा-जोखा इस ठेके पर उपलब्ध नहीं है वहीं जिले के आबकारी अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं जबकि पूरे जिले भर में सभी शराब ठेकों की यही स्थिति है वहीं कई जगह अवैध शराब का धंधा जोरों शोरों पर चल रहा है लेकिन नरसिंहगढ़ आबकारी अधिकारी का कोई पता है नहीं आबकारी अधिकारी के द्वारा कोई कार्यवाही देखने को मिली वहीं जिला आबकारी अधिकारी बात करना तो दूर की बात है कार्यवाही के नाम पर भी भागते नजर आते हैं।
गौरतलब हो कि कोरोना महामारी के समय शराब ठेकों को यह दलील देते हुए खोला गया था कि शराब से होने वाली इनकम सरकार के फायदे में होती है सबसे ज्यादा टैक्स इन शराब के ठेकों से मिलता है लेकिन नए संशोधित नियमों के अनुसार कई ठेके अवैध कारोबार कर रहे हैं नाही यह ठेके पर तरीके से ग्राहकों से बात करते नजर आते हैं और ना ही किसी ग्राहक बिल दिया जाता है जबकि सरकार के सख्त आदेश है कि हर एक दुकान पर क्यू आर कोड होना चाहिए ताकि ग्राहकों को डिजिटल लेनदेन में दिक्कत ना हो कई गांवों में यूपीआई की व्यवस्था है कई गांवों के शराब ठेकों पर यूपीआई भुगतान किया जा सकता है वही चखने के खेलों पर भी यूपीआई के द्वारा भुगतान किया जा सकता है तो इन बड़े-बड़े शहरों में यूपीआई भुगतान के बारे में आबकारी विभाग क्यों चुप्पी साधे हुए है?
वहीं जिले के तमाम शराब ठेकों से जुड़ी हुई जानकारी हम आपको रूबरू कराएंगे आप देखेंगे कि सरकार के ऊपर किस प्रकार से यह शराब ठेकेदार चूना लगा रहे हैं इस प्रकार शराब खरीदारों के दिए हुए टैक्स की चोरी इन शराब के दुकानदारों द्वारा की जा रही है।
👌👌
Most of the states facing same issue even there is syndicate involve
Nice
उचित करवाही हो
👍