मोर महापौर-मोर द्वार शिविर में बुधराम गए तो बैसाखी के सहारे, लेकिन लौटे व्हीलचेयर पर

in #raipur2 years ago

05_07_2022-mor_mahapaur_mor_dwar_budhram.jpg भनपुरी विजय नगर के 60 वर्षीय दिव्यांग बुजर्ग बुधराम पत्नी के कहने पर मोर महापौर-मोर द्वार शिविर में चले तो गए थे, लेकिन उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि 'चट मंगनी पट ब्याह" की तर्ज पर उन्हें व्हीलचेयर मिल जाएगी। वह शिविर में गए तो थे बैसाखी के सहारे, लेकिन लौटे व्हीलचेयर पर। व्हीलचेयर मिलने के साथ ही सारे कागज एक ही छत के नीचे बनना बुधराम के लिए सबसे बड़ी खुशी का क्षण रहा। यह संभव हुआ महापौर की दूरदृष्टि से।
शिविर के सातवें दिन नगर निगम की टीम शहीद भगत सिंह वार्ड-21 और यतियतन लाल वार्ड-चार में पहुंची थी। यहां 639 आवेदनों में से 575 का तत्काल निराकरण कर दिया गया। महापौर एजाज ढेबर यहां लोगों से सीधे रू-ब-रू हुए। वार्ड क्रमांक-21 में शिविर के दौरान भनपुरी विजय नगर निवासी 60 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति बुधराम विश्वकर्मा पहुंचे, जो कि बैसाखी के सहारे चलते थे और भीख मांगकर गुजर-बसर करते हैं। उनकी पत्नी लोगों के घरों में झाड़ू-पोंछा करती हैं।
शिविर स्थल पर महापौर अलग-अलग स्टालों का मुआयना कर रहे थे। वैसे ही उनकी नजर इन बुजुर्ग दंपती पर पड़ी। यहां उन्होंने रुककर उनका हाल-चाल जाना और समस्या पूछकर तत्काल समाज कल्याण विभाग से व्हील चेयर मंगवाकर उन्हें प्रदान किया साथ ही दोनों बुजुर्गों की पेंशन की प्रक्रिया पूरी करवाकर उनका राशन कार्ड भी बनवाया। इसी तरह शिविर के दौरान हीरापुर निवासी गर्भवती महिला मोनिका बाघमार अपनी समस्या लेकर पहुंची। उनके परिवार का राशन कार्ड नहीं बना था।
वजह यह थी कि गरीबी रेखा होने के साथ ही उनका मजदूर कार्ड भी था, लेकिन मजदूर कार्ड के नवीनीकरण नहीं होने की वजह से राशन कार्ड बनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। शिविर स्थल पर यहां तत्काल उनकी समस्या का निराकरण किया गया। इसी शिविर में इंद्राणी यादव भी पहुंची, जिनक मजदूर कार्ड का नवीनीकरण दो वर्ष से नहीं हुआ था। 2015 में पति की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी आ गई। इसके बाद बच्चों को पढ़ाने की चिंता। उन्होंने कहा कि बीच-बीच वह कार्ड बनाने के लिए दफ्तर गईं, लेकिन किसी न किसी कारणों से कार्ड बनते-बनते रह गया। यहां शिविर स्थल पर मजदूर कार्ड के नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।
स्वसहायता समूहों को एक-एक लाख रुपये धनराशि
शिविर में एनयूएलएम की समूह ऋण योजना के तहत जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह, जय मां शारदा महिला स्वसहायता समूह, मौली माता महिला स्वसहायता समूह, जय माता दी स्वसहायता समूह, जय मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह, सांई महिला स्वसहायता समूह, जय सतनाम स्वसहायता समूह, स्वयं सखी महिला स्वसहायता समूह में प्रत्येक समूह को एक-एख लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करने के निर्देश दिए गए। शिविर में राशन कार्ड, आधार कार्ड, श्रम कार्ड तत्काल बनाकर दिया गया। इस तरह एक पंडाल के नीचे आमजनों को विविध शासकीय योजनाओं का तत्काल वांछित लाभ दिलवाया मिला। महापौर ने लोगों की भीड़ को देखकर जनसुविधा के लिए आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड के स्टाल में सभी दस्तावेज देखकर टोकन देकर कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को असुविधा न होने पाए।
शिविर के बाहर भी लोगों से मुलाकात
महापौर ने वार्ड-21 के क्षेत्र में एमआइसी सदस्यों, पार्षदों, अपर आयुक्त, जोन कार्यपालन, अभियंता के साथ स्थल पर नागरिकों की समस्याएं सुनीं एवं उन सभी के त्वरित निदान के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। दोनों वार्डों के 25 नागरिकों ने महापौर को फोन पर जनसमस्या बताई। जिनका तत्काल परीक्षण कर त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। शिविर के पहले लोगों ने निगम द्वारा जारी फोन नंबर पर अपनी समस्याएं भी बताईं। शिविर स्थल में महापौर एजाज ढेबर सहित ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा,आयुक्त आयुक्त मयंक चतुर्वेदी, योग आयोग अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, एमआइसी सदस्य नागभूषण राव, सुंदरलाल जोगी, आकाश तिवारी, वार्ड पार्षद नंदकिशोर साहू आदि मौजूद थे।
नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने कहा, मोर-महापौर, मोर-द्वार शिविर का उद्देश्य लोगों की समस्याओं का तत्काल शिविर स्थल पर ही निराकरण करना है। रोजाना शहर के अलग-अलग वार्डों में शिविर का संचालन किया जा रहा है। साथ ही प्राप्त आवेदनों को प्रक्रिया में लेकर कार्यवाही की जा रही है।
हीरापुर निवासी मोनिका बाघमार ने कहा, राशन कार्ड नहीं बन रहा था। शिविर की जानकारी मिलते ही मैं यहां पहुंची। यहां कर्मचारियों ने तत्काल दस्तावेजों की जांच कर मेरी परेशानी दूर की।
हीरापुर निवासी इंद्राणी यादव ने कहा, दो वर्ष से मजदूर कार्ड का नवीनीकरण नहीं हुआ था। दफ्तर में बार-बार तारीखें मिलती थी। यहां शिविर में मजदूर कार्ड के नवीनीकरण का काम हो गया