मुरारी मतवाला की आत्मकथा 'सम्मान' का हुआ विमोचन

in #pustak2 years ago

कुशीनगर।
ग्रामीण क्षेत्र में रहकर साहित्य साधना एक तपस्या: जिला अभियोजन अधिकारी
सम्मान के साथ सम्मान से दो माला मिल जाये तो धन्य हो जाता है जीवन: पुरन्दर यादव
कसया।
विकास खण्ड के ग्राम बरवा बाजार में कवि, लेखक मुरारी मतवाला की आत्म कथा का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य महात्मा गांधी इंटर कालेज सखवनिया वीरेंद्र प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि मुरारी मतवाला ने अपनी लेखनी में सहज ढंग से सबको साधा है।
आगे श्री सिंह ने कहा कि साहित्य में अनेक विधाएं हैं जिनमें नाटक, लेख, उपन्यास आलोचना, कहानी, कविता, छंद आदि है। लेखक ने बड़े सहज ढंग से भौगोलिक, राजनीति, ऐतिहासिक, आर्थिक, परिवारिक पृष्ठ भूमि को दर्शाया है। बालक, वृद्ध, युवा, असहाय, पीड़ित, जवान, किसान, पशु, पक्षी, नदी, जीव, जंतु आदि सभी को अपनी रचना में यथोचित सम्मान दिया है। इनकी रचना हृदय ग्राही होने के साथ केवल पठनीय ही नहीं व्यथा को परखने की कसौटी भी है। सूचना अभियोजन अधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि लेखक ने अपनी आत्मकथा में सहज ढंग अपनी लेखनी में लेखक ने सबको साधा है। अध्यक्षता कर रहे पुरन्दर प्रताप यादव ने कहा कि जीवन में सम्मान पूर्वक सम्मान की दो माला मिल जाये तो जीवन धन्य हो जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से संगीताचार्य मंगल प्रसाद द्वारा वाणी वंदना से हुई। अबतक मतवाला ने अंजुरी के फूल, अईसन बा मधुशाला, मुरारी के मधुर गीत, दामाद चाहीं, अईसन, मधुशाला आदि रचनाएं की है। संचालन रामानुज द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर डा. गोपाल यादव, श्यामनारायण गुप्ता, हरिहर सिंह, संजय सिंह, छांगुर यादव, अजय यादव, नंदलाल यादव, बेचू, राम अवध त्रिपाठी, जमशेद अंसारी, राजेन्द्र, सुरेश रावत, कन्हैया, चांद वीर आदि मौजूद रहे।