धरती से सोना उगलने जैसी है बांस की खेती, सरकार उठाएगी आधा खर्च

in #punjab2 years ago

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भारत में कृषि क्षेत्र ने अलग स्तर तक ही तरक्की हासिल करती है. यही कारण है कि अब अनाज, फल, फूल और सब्जियों के अलावा दूसरी उन्नत प्रजातियां भी खेतों में उगाई जाने लगी हैं. बांस की फसल भी इन्हीं उन्नत प्रजातियों में शामिल है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का मौका देती है. बांस की खेती एक फायदे का सौदा है, क्योंकि खुद सरकार बांस के पौधारोपण में किसानों की आर्थिक मदद कर रही है. बांस की खेती के साथ इसका प्रसंस्करण करके किसान डबल आमदनी भी कमा सकते हैं.बांस को धरती पर उगने वाली एक अद्भुत प्रजाति माना जाता है. हालांकि धरती पर पहले से ही बांस के जंगत खड़े हैं, लेकिन उन्हें काटना कानूनन अपराध है. लेकिन ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में बांस की खेती काफी प्रचलन में है. कई राज्यों में इससे जुड़े लघु और कुटीर उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.किसान बांस के साथ दूसरी फसल भी उगा सकते हैं. इसकी खेती के लिये बांस के 1500 पौधे करीब 1 हैक्टेयर जमीन पर लगा सकते हैं और खाली बची जगह पर दूसरी सब्जियां बो सकते हैं. इससे लागत कम और कमाई डबल हो जायेगी. खेत में बांस की रोपाई 3 गुणा 2.5 मीटर की दर से करें. अगर उपज की बात करें तो बांस की फसल से हर 4 साल में लगभग 3 से 3.5 लाख रुपए की दमदार कमाई हो सकती है. इसी के साथ बांस के खाली बचे खेतों में 4*4 मीटर की दर से दूसरी फसल उगाने पर 25-30 हजार तक का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है.