एक में शिंदे दूसरे में उद्धव मजबूत, पूर्व इलेक्शन कमिश्नर ने बताया अब क्या होगा

in #punjab2 years ago

एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से विधायकों को तोड़कर भाजपा के समर्थन से सरकार जरूर बना ली है, लेकिन सरकार बनाए रखने और शिवसेना पार्टी पर दावा जीतने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के सामने जीती जानी है। शिवसेना में दोफाड़ की स्थिति है, अब शिंद गुट ने आखिरकार चुनाव आयोग को लिखकर शिवसेना पार्टी पर अपना दावा ठोका है। चुनाव आयोग ही फैसला करेगा कि शिवसेना पार्टी का नाम, निशान और संपत्ति किसे मिलेगी?

शिवसेना के विधायकों और सांसदों दोनों का बहुमत शिंदे के पास दिख रहा है। शिवसेना के 55 विधायकों में से करीब 40 का समर्थन शिंदे को हासिल है, वहीं अब 19 में से 12 सांसद भी शिंदे के साथ खड़े दिख रहे हैं। उद्धव गुट बैकफुट पर है, हालांकि पार्टी स्ट्रक्चर में अब भी उद्धव की पकड़ कायम बताई जा रही है। चुनाव आयोग ही तय करेगा कि शिवसेना उद्धव गुटा है या शिंदे गुट। हमने पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर एसवाई कुरैशी से बात की और समझा कि अभी जो हालात हैं उस हिसाब से चुनाव आयोग किस गुट को ‘मुख्य पार्टी’ का दर्जा देने का फैसला कर सकता है।latest update.jpg