बादाम छील कर खाएं या बिना छीले, भिगोकर खाएं या रोस्ट करके, जानिए अपने सभी प्रश्नों के जवाब

in #punjab2 years ago

बादाम छील कर खाएं या बिना छीले, भिगोकर खाएं या रोस्ट करकेअपने को स्वस्थ रखने के लिए बहुत से लोग नियमित तौर पर बादाम खाते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों की ही इस बात की जानकारी होती है कि इनका सेवन कैसे करें. हमारे देश में ज्यादातर लोग बादाम को भिगोकर रखते हैं और फिर उसका छिलका उतारकर खाते हैं. क्या ये सही तरीका है? वैसे बता दें कि बादम छीलकर खाने से यह आयुर्वेद के अनुसार शरीर के पित्त में सुधार करता है. लेकिन मेडिकल साइंस के अनुसार ऐसा करने से फाइबर और रफेज की मात्रा कम हो जाती है. जानिए अपने सभी प्रश्नों के आयुर्वेद में कड़वे की जगह मीठे बादम खाने की सलाह दी जाती है. दरअसल आयुर्वेद में बादाम को छीलकर खाने के कई फायदे बताए गए हैं. बादाम के गर्म और मीठे गुणों को हमारे शरीर में वात दोषों को शांत करने के लिए पहचाना जाता है. बादाम हमारी त्वचा और माइक्रो सर्कुलेटरी चैनलों को चिकनाई देते हैं और शरीर के सभी महत्वपूर्ण उत्तकों को समर्थन प्रदान करते हैं. छीले हुए बादाम पित्त में सुधार करने के साथ ही मेटाबॉलिज्म को भी सही करते हैं.आधुनिक विज्ञान के अनुसार किसी भी फल या ड्राइ फ्रूट का मुलायम छिलका, जो खाने योग्य हो, उसे निकालकर फेंक देने कुछ पोषक तत्वों की नुकसान करना है. इसलिए छिलके सहित बादाम खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. बादाम के छिलके में पॉलीफेनोल्स की उपस्थिति के कारण भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है.बादाम के छिलकों में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो हृदय रोग के खतरे को कम करता है. जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि पॉलीफेनोल्स, कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने में सहायक होते हैं. माना जाता है कि नियमित तौर पर बादाम खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल यानी ऑक्सीकृत एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर कम हो सकता है. दिल के स्वास्थ्य के लिए आपको बादाम छिलके सहित खाने चाहिए.बादाम के छिलके में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद करता है. ये फाइबर मेटाबोलिक रेट को भी बढ़ाता है और खाने को तेजी से हजम करने में मदद करता है. लेकिन कुछ बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों में छिलके सहित बादाम खाने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यही वजह है कि बुजुर्गों को छिलके निकालकर बादाम देने की सिफारिश की जाती है.छिलके सहित बादाम खाने से पेट में रफेज की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मल त्याग को आसान बनाने में मदद मिलती है. ये बॉवेल मूवमेंट को तेज करके आपको कब्ज से बचाने में मदद करता है. इसकी वजह से पेट ज्यादा मात्रा में पानी सोखता है, मल नरम होता और कब्ज की समस्या दूर हो जाती है.छिलके सहित बादाम सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, यही नहीं भीगे हुए बादाम भी सेहत के लिए कई तरह से लाभदायक होते हैं. नियमित तौर पर भीगे हुए बादाम खाने से आपके शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है. जिनमें से कुय़ दिमाग की कार्यप्रणाली को स्मूथ करना, कब्ज दूर करना, त्वचा को पोषण देना और गर्भवती महिलाओं के लिए भी अच्छे होते हैं.बादाम को भूनने से उनकी पोषण क्षमता में इजाफा होता है, जबकि उनमें वाटर लेवल कम हो जाता है. इसलिए बादाम को भूनकर खाना सेहत के लिए अच्छा होने के साथ ही टेस्टी भी होता है.Right-Way-To-Eat-Almonds.jpegPeeled-Almonds-Benefits.jpeg