नौसेना के झंडे से हटा अंग्रेजों का निशान, अब मिल गई है छत्रपति शिवाजी की पहचान; पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 सितंबर को यानी आज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नेवी को सौंपते हुए भारतीय नौसेना के लिए नए ध्वज का भी अनावरण किया। पुराने झंडे में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस (अंग्रेजों की निशानी) को भी रखा गया था। प्रधानमंत्री ने इसे गुलामी का प्रतीक करार दिया। नए ध्वज में छत्रपति शिवाजी महाराज के चिन्ह को अपनाया गया है। नए निशान पर भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य 'सम नो वरुणः' अंकित है।
आपको बता दें कि 15 अगस्त, 1947 को देश जब आजाद हुआ तो भारतीय रक्षा बलों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडे और बैज को जारी रखा। 26 जनवरी, 1950 को इसके पैटर्न में बदलाव किया गया था। नौसेना के ध्वज को भी बदल दिया गया था, लेकिन ध्वज में एकमात्र अंतर यह किया गया था कि यूनियन जैक की जगह तिरंगा लगाया गया था। जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया था।