पंजाब: सरकारी विभागों में कार्यरत 36 हजार कर्मियों को पक्का करने के लिए बनी कमेटी स्थगित
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 36 हजार कच्चे कर्मियों को पक्का करने का वादा किया था। इसके लिए कैबिनेट ने एक सब-कमेटी का गठन कराया था। हालांकि, कल इस कमेटी की होने वाले वाली बैठक अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई। इस बारे में प्रसोनल विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब-कमेटी की 9 अगस्त को होने वाली बैठक को प्रबंधकीय कारणों से स्थगित करना पड़ा।
बता दें कि, हाल में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि, सरकारी विभागों में कार्यरत 36 हजार कर्मियों को पक्का करने के लिए वह कोई भी फैसला ले सकते हैं. उनके एक मंत्री ने कहा कि, सब-कमेटी कच्चे कर्मियों को पक्का करने के विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि, इन दिनों विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों व यूनियनों के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। जब बात बन जाएगी, तब उक्त सब-कमेटी कोई फैसला लेगी।
कर्मचारियों के पक्का करने के वादे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 29 जुलाई को कहा कि हम कानूनी राय ले रहे हैं और कर्मचारियों के हित में पक्का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि, हमें अभी कई कानूनी अड़चनें आ रही हैं। पहले हम वो दूर करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री बोले- 'मैं कह दे रहा हूं कि कर्मचारी हर हाल में रेगुलर होंगे, चाहे नियमों में संशोधन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के नए एजी को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने पंजाब के नए एजी को लेकर स्पष्ट कर दिया कि सीनियर एडवोकेट विनोद घई ही पंजाब के नए एडवोकेट जनरल होंगे। उन्होंने कहा कि, घई काफी सीनियर और काबिल वकील हैं। वहीं, घई की नियुक्ति का राजनीतिक और सिख संगठन के लोग विरोध कर रहे हैं। सिख संगठनों का तर्क है कि वह राम रहीम के वकील रह चुके हैं। इसलिए उन्हें पंजाब का एडवोकेट जनरल नहीं बनाना चाहिए।' गौरतलब है कि, पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम भगवंत ने कहा कि, अब सीनियर एडवोकेट विनोद घई पंजाब सरकार के नए एडवोकेट जरनल होंगे।
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