लाहौर जेल में नौ माह रहे मोहकम सिंह, सहा अत्याचार

in #punjab2 years ago

स्वतंत्रता सेनानी मोहकम सिंह को देश सेवा का जज्बा परिवार से विरासत में मिला। पिता जत्थेदार वरियाम सिंह साल 1919 में गुरु का बाग दा मोर्चा में भाग लेते हुए गिरफ्तार हुए थे। चाचा प्रीतम सिंह जैतों दा मोर्चा में शामिल हुए थे। पिता व चाचा को देखकर मोहकम सिंह में भी बचपन से ही देश को अंग्रेजों से आजाद कराने की ललक पैदा हो गई थी। 16 साल की छोटी उम्र में जब बच्चे खेल व पढ़ाई में मस्त रहते हैं, तब वह आजादी के दीवानों के जलसों में शामिल होने लग पड़े थे।
इसी दौरान अगस्त 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया तो मोहकम सिंह भी इसमें शामिल हो गए। उस समय उनकी आयु 19 साल की थी। 9 अगस्त 1942 को मोहकम सिंह को अंग्रेजों ने गिरफ्तार करके नौ महीने के लिए लाहौर की सेंट्रल जेल में डाल दिया था। मोहकम सिंह ने बताया कि इस दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के हौसले तोड़ने के लिए अंग्रेजों ने उन पर हर तरह का अत्याचार किया। उन्हें खाने को रोटी तक नहीं दी जाती थी। केवल भुने चने मिलते थे और पीने के लिए पानी भी मुश्किल से देते थे।