निजी बस संचालकों ने की हड़ताल, सड़कों पर लगे जाम, लोग हुए परेशान

in #punjab2 years ago

punjab_1660022973.jpegपंजाब में आज निजी बस संचालकों ने हड़ताल कर दी है। प्राइवेट बस संचालकों ने सड़कों पर बसें लगाकर जाम लगा दिया है। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब के निजी बस ऑपरेटरों की संस्था दी पंजाब मोटर यूनियन ने राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों और समस्याओं की अनदेखी के विरोध में एक दिन के चक्का जाम करने का एलान किया था। यूनियन का आरोप है कि लंबे समय से मुख्यमंत्री, ट्रांसपोर्ट मंत्री और अन्य अधिकारियों से मिलकर उन्हें अपनी समस्याएं बताने की अनेक कोशिशें की गई हैं, लेकिन सरकार यूनियन से बात करने को भी तैयार नहीं है।यूनियन के सचिव राजिंदर सिंह बाजवा और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर आज मंदी के दौर से गुजर रहे हैं और अगर सरकार ने इस कारोबार को बचाने का कोई उपाय नहीं किया तो यह कारोबार खुद ही बंद हो जाएगा, जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है, जिसे निजी बसों के मालिकों को भारी घाटा हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा शनिवार व रविवार के दिन निजी व सरकारी दोनों बसों में की जाए और इसके लिए महिलाओं की यात्रा की बनती रकम निजी व सरकारी बसों को दी जाए।

मोटर व्हीकल टैक्स में राहत की मांग करते हुए यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना काल में निजी बस ऑपरेटर टैक्स डिफॉल्टर हो गए थे और पंजाब सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 (6 माह) तक का मोटर व्हीकल टैक्स माफ कर दिया था। इसके बाद 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2021 तक का मोटर व्हीकल टैक्स किलोमीटर अनुपात में माफ किया गया था, जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटरों को 19 माह की टैक्स माफी दी गई है।
फरीदकोट में दिखा व्यापक असर
फरीदकोट में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। जिले में निजी बस मालिकों व कर्मचारियों ने बस स्टैंड पर धरना देकर सरकार के खिलाफ रोष जताया। इस मौके पर दीप माहला, अमोलक सिंह व गुरजंट सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा ने उनका कारोबार प्रभावित किया है। उनकी मांग है कि जिस तरह सरकार द्वारा महिलाओं के मुफ्त सफर की सुविधा के एवज में पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज को भुगतान करती है,उसी तरह निजी बसों में सुविधा लागू करके उन्हें भुगतान किया जाए क्योंकि वे भी सरकार को टैक्स भरते है। यदि सरकार सुनवाई नहीं करेगी तो वह तीखा संघर्ष करेंगे।

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