पुत्र की दीर्घायु के लिये माताओं ने रखा व्रत,हरछठ का पूजन करती महिलायें

in #public2 years ago

बम्हनी बंजर-:परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने शनिवार को हलछठ का व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की। अपनी संतान की दीर्घायु होने की कामना की गई। अलग-अलग जगह पर महिलाओं के समूह ने हल षष्ठी व्रत पूजन की। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से ठीक दो दिन पहले हर वर्ष षष्ठी तिथि को हल छठ मनाया जाता है। इस व्रत का संबंध भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलरामजी से है। इस दिन जन्माष्टमी की तरह व्रत रखने की परंपरा है। यह पर्व हल षष्ठी, हलछठ नामों से भी जाना जाता है। यह व्रत महिलाएं अपने पुत्र की दीर्घायु और उनकी सम्पन्नाता के लिए करती हैं। इस दिन हल की पूजा का विशेष महत्व है। नगर में व्रत की पूजन अनेक घरों में महिलओं ने समूह के रूप में की।बताया जाता है कि इस दौरान महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान की पूजा अर्चना की। महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा की। पं. पुष्पेन्द्र शास्त्री ने बताया कि आज के ही दिन भगवान शेष अवतार के रूप बलराम जी का जन्म हुआ था। भादों महीना के षष्ठी को यह पर्व मनाने का विधान है, इस दिन माताएं बिना हल चले हुए जमीन का उपजे भोजन एवं सात प्रकार के भाजी , महुआ पत्ता का उपयोग करते हैं। सभी माताओं ने एक जगह एकत्रित होकर सामूहिक रूप से पूजा-पाठ कर हलषष्ठी माता की कथा सुनी और शिव, पार्वती, गणेश की पूजा की।नगर सहित परिक्षेत्र में हलषष्ठी पर्व पूरे धूमधाम से मनाया गया। संतान की दीर्घायु की कामना के लिए शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह सगरी बनाकर पूजा अर्चना की गई। दोपहर बाद से ही महिलाओं की भीड़ पूजा के लिए जुटने लगी। गड्ढे खोदकर बनाए गए सगरी में भगवान शंकर, गौरी माता की पूजा और कथा का वाचन कर महिलाओं ने आरती की। भगवान बलभद्र की स्मृति में संतान की खुशहाली की कामना के लिए व्रत रख कर पूजा की गई।