सनातन और भारत माता एक दूसरे के पर्याय - शिव प्रताप शुक्ला

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IMG-20220620-WA0028.jpgकौशम्बी। भारत माता के रग रग में सनातन बसा हुआ है और यही सनातन भारत माता का स्वरूप है। इसलिए यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सनातन और भारत माता एक दूसरे के पर्याय हैं। उक्त बातें राज सभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने भरवारी कस्बे में राष्ट्र के पुनर्निर्माण में सनातन धर्म की भूमिका नामक एक गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहीं कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि विधायक विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी लल्ली महाराज मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष अनीता त्रिपाठी ने किया।

इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सनातन एक वृहद स्वरूप है जिसमें विभिन्न वर्ग पंत और समुदाय समाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में कभी भी छुआछूत हुआ जात पात नहीं रहा है। जाति नामक बीमारी सनातन धर्म में भारत में मुगलों के आने के बाद आई है। जब काम के नाम पर बैठे वर्ग अपने आप को मुस्लिम आक्रांताओं के हमलों से अपने परिवार व महिलाओं धन को बचाने के लिए जाति के नाम पर एकजुट हो गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सनातन वेदों से चलता है और वेद में कहीं भी जातियों का उल्लेख नहीं उन्होंने कहा कि हमें फिर से सनातन को मजबूत करने के लिए वेदों की ओर चलना होगा और जाति प्रथा को पूरी तरह से खत्म करना होगा। इस मौके पर परिचर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आज पूरा विश्व सनातन धर्म के रीतियो और विचारों को आत्मसात कर रहा है। पूरे विश्व में सनातन धर्म के द्वारा प्रतिपादित किए गए नियमों और सिद्धांतों को विज्ञान की कसौटी में कैसा गया जिसमें वह पूरी तरह से खरा उतरा यही कारण है आज पूरे विश्व के लोग सनातन धर्म को बहुत ही आशा और सम्मान की दृष्टि से देख रहे हैं। कार्यक्रम परशुराम सेवा समिति के तत्वावधान में वैद्य रमेश चन्द्र द्विवेदी द्वारा किया गया था। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व लाल बहादुर, पूर्व विधायक शीतला प्रसाद पटेल, जय चंद्र मिश्र, चक्रेश मिश्रा, वेद प्रकाश पाण्डेय, बबलू गर्ग, सुनील मिश्रा, अवधेश नारायण शुक्ला, सुनील तिवारी सहित सैंकड़ों संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे।