जेल में अल्फाबेट के आधार पर कैदियों का आवंटन: पांच सौ से अधिक कैदियों की बैरक बदली जाएगी,

अंबेडकरनगर 16 सितंबरः (डेस्क)अंबेडकरनगर जिले के जिला कारागार में एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसके तहत कैदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुसार बैरक आवंटित किया जाएगा। यह निर्णय कारागार मुख्यालय के आदेश पर लिया गया है और इसका उद्देश्य जेल अधिकारियों को कैदियों को ढूंढने में आसानी प्रदान करना है।

IMG_20240814_131932_589.jpg

नई व्यवस्था का उद्देश्य
इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य जेल में कैदियों की पहचान और उनकी देखरेख को सरल बनाना है। पहले, बैरकों का आवंटन बेतरतीब तरीके से किया जाता था, जिससे कई बार जेल अधिकारियों को कैदियों की पहचान करने में कठिनाई होती थी। अब, नाम के पहले अक्षर के आधार पर बैरक आवंटित करने से न केवल कैदियों की पहचान में आसानी होगी, बल्कि इससे सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी।

बैरकों का पुनर्गठन
जिला कारागार में 500 से अधिक बंदियों की बैरकों का पुनर्गठन किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत, सभी बंदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के अनुसार अलग-अलग बैरकों में रखा जाएगा। उदाहरण के लिए, जिन कैदियों का नाम 'A' से शुरू होता है, उन्हें एक विशेष बैरक में रखा जाएगा, जबकि 'B' से शुरू होने वाले कैदियों को दूसरी बैरक में रखा जाएगा।

प्रशासनिक लाभ
इस नई व्यवस्था से प्रशासनिक लाभ भी होगा। जेल अधिकारियों को अब कैदियों को खोजने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने में कम समय लगेगा। इससे न केवल कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि जेल के भीतर अनुशासन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

कैदियों की प्रतिक्रिया
कैदियों ने इस नई व्यवस्था के प्रति मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ कैदियों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, जबकि कुछ ने इसे केवल एक औपचारिकता माना है। उनका मानना है कि यदि वास्तव में सुधार लाना है, तो जेल की अन्य व्यवस्थाओं में भी बदलाव आवश्यक हैं।

सुरक्षा संबंधी पहलू
सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है। जब कैदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के आधार पर रखा जाएगा, तो इससे किसी भी आपात स्थिति में उन्हें जल्दी से इकट्ठा करना आसान होगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या झगड़े की स्थिति में जेल स्टाफ जल्दी प्रतिक्रिया कर सके।

आगे की योजनाएँ
जेल प्रशासन ने इस नई व्यवस्था के सफल कार्यान्वयन के बाद अन्य सुधारों पर विचार करने की योजना बनाई है। इनमें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं, जो बंदियों को सुधारने और उन्हें समाज में पुनः स्थापित करने में मदद करेंगे।

निष्कर्ष
अंबेडकरनगर जिले के जिला कारागार में लागू होने वाली यह नई व्यवस्था न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कैदियों की सुरक्षा और पहचान को भी सुनिश्चित करेगी। इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि जेल प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ेगी और कैदियों के जीवन स्तर में सुधार होगा।

इस प्रकार, यह नया नियम अंबेडकरनगर जिले के कारागार प्रबंधन में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है और भविष्य में अन्य सुधारों की संभावनाओं को जन्म देता है।