प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में भ्रष्टाचार: अपात्रों को मिला लाभ, पात्र रह गए वंचित

in #prime15 days ago

ललितपुर 01 सितंबर (डेस्क):-ललितपुर। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। हाल ही में दिशा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को उठाया, जहां यह सामने आया कि इस योजना के तहत अपात्र लोगों को लाभ मिला है, जबकि असली पात्र लोग अब भी कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जिलाधिकारी को इस मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

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जनपद में शहरी आवास योजना के अंतर्गत अब तक 20 हजार से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश का निर्माण भी हो गया है। इसके बावजूद, कई पात्र लोग आज भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं, जबकि जो लोग इस योजना के लिए पात्र नहीं थे, उनके आवास बन गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में भी आवास बना दिए गए हैं, जबकि यह योजना केवल शहरी क्षेत्र के लिए थी।

इस योजना में भ्रष्टाचार का स्तर इतना बढ़ गया कि लोग नए प्लॉट खरीदकर इस योजना के तहत अपने घर बनवा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्पष्ट निर्देश थे कि जिनके पास कच्चे मकान हैं, उन्हें ही इसका लाभ दिया जाए, लेकिन यह नियम कई जगहों पर अनदेखा कर दिया गया। जनप्रतिनिधियों और शिकायतकर्ताओं ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से पूरे मामले की जांच की मांग की थी, जिसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी को तत्काल जांच करने का आदेश दिया।

जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने इस जांच की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारी केके पांडे को सौंपी है, जिन्होंने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को शामिल किया गया है। अगर जांच सही तरीके से की गई, तो यह जनपद के सबसे बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है। मुख्य विकास अधिकारी केके पांडे ने जांच पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की बात कही है।