कांटे की टक्कर से निर्विरोध चुने जाने तक, पढ़ें राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी 5 बड़ी बातें

in #president2 years ago

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Presidential Election 2022: देश के अगले राष्ट्रपति के लिए सोमवार को चुनाव होगा. वोटों की गिनती गुरुवार को होगी और 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ ग्रहण करेंगे. इस बार द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, वहीं अन्य विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है.

1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद से चौदह लोगों को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है, जिनमें से 12 लोगों ने अपना पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा किया है. पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद अब तक इस पद के लिए फिर से चुने जाने वाले इकलौते शख्स हैं.

राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद का निधन हो गया था. उल्लेखनीय है कि दोनों तीन साल से कम इस पद पर रहे. जाकिर हुसैन की मृत्यु 3 मई 1969 को हुई थी, जबकि फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु 11 फरवरी 1977 को हुई.

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का कार्यकाल सबसे लंबा था. उनका कार्यकाल 12 साल और 107 दिनों का रहा. 1952 और 1957 के चुनावों में उन्हें रिकॉर्ड अंतर से फिर से चुना गया था. इससे पहले प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे.

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्ला ने 1969 में 35 दिनों के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद उपराष्ट्रपति वीवी गिरी ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए तीन महीने से भी कम समय में इस्तीफा दे दिया. हिदायतुल्ला ने 24 अगस्त, 1969 को गिरि के राष्ट्रपति बनने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. हिदायतुल्ला ने बाद में 1979 से 1984 के बीच उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया.

नीलम संजीव रेड्डी को 36 अन्य उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज होने के बाद निर्विरोध राष्ट्रपति चुना गया. इस प्रकार, 1977 में कोई राष्ट्रपति चुनाव नहीं हुआ. दिलचस्प बात यह है कि रेड्डी 1969 के चुनाव में कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार थे, लेकिन वीवी गिरी से हार गए.