वंशीधर शुक्ल सर्जना पुरस्कार हेतु चयनित डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न का हुआ सारस्वत सम्मान
सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में सृजना कुटीर अजीतनगर में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ द्वारा उनकी अवधी कबिता संग्रह खेत खरिहान के लिए वंशीधर शुक्ल सर्जना पुरस्कार हेतु चयनित किये जाने के उपलक्ष्य में सारस्वत सम्मान किया गया।डाॅ० रत्न को इससे पूर्व उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध सर्जना सम्मान एवं अमृत लाल नागर बाल कथा सम्मान तथा सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार सहित 109 राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ख्यातिलब्ध समाजसेवी रोशनलाल ऊमर वैश्य ने कहा कि डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न साहित्य के वास्तविक रत्न हैं।तीसरी बार उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा सम्मान हेतु चयनित किया जाना सभी साहित्यकारों के लिए प्रेरणादायी है।जनपद की यह प्रथम अवधी कृति है जिसे पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते एम०पी०त्रिपाठी ने कहा कि यह जनपद प्रतापगढ़ के लिए गर्व का विषय है कि डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न जैसा साहित्यकार यहाँ जन्मा और यहाँ रहकर अनवरत कालजयी कृतियाँ रची।
विशिष्ट अतिथि आनंद मोहन ओझा ने कहा कि डाॅ० दयाराम मौर्य रत्न साहित्य के महारथी हैं।उनका साहित्य समाज का पथप्रदर्शन करने का कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर कथाकार प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम,श्रीनाथ मौर्य सरस,कुंजबिहारी काका श्री,विवेक,राधेश्याम आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार निलय ने किया।