साढ़े तीन साल से वेतन के लिए तरस रहे कर्मचारी

in #prashasan2 years ago

साढ़े तीन साल से वेतन के लिए तरस रहे कर्मचारी

● मैन पावर आपूर्ति करने वाली संस्था ने खड़े किए हाथ● कर्मचारियों के वेतन के लिए संस्था को चाहिए 70 लाख ● बंद होने के कगार पर है दिव्यांग पुनर्वास केंद्र

संतकबीरनगर, । दिव्यांग कल्याण पुनर्वास केन्द्र के नौ कर्मचारियों को साढ़े तीन वर्ष से वेतन नहीं मिला है। संस्था को मैनपावर आपूर्ति करने वाली फर्म को सरकारी खजाने से कर्मचारियों के वेतन व कमीशन के लिए 70 लाख रुपये चाहिए। ऐसे में संस्था अब बंद होने के कगार पर है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक असमंजस में हैं।

जिला दिव्यांग जन कल्याण अधिकारी का कहना है कि इस बारे में शासन को अवगत करा दिया गया है। दिव्यांगों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में दिव्यांग कल्याण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गई है। इस केन्द्र पर फिजियोथिरैपी, स्पीच थिरैपिस्ट सहित कुल नौ कर्मचारियों की तैनाती की गई। स्थान तो जिला अस्पताल का है, लेकिन पूरी व्यवस्था दिव्यांग विभाग के जिम्मे हैं। कर्मचारियों का वेतन भी दिव्यांग कल्याण विभाग से ही दिया जाता है। संस्था में तैनात कर्मचारियों को पिछले साढ़े तीन साल से वेतन नहीं मिला है। जिस फर्म के माध्यम से केन्द्र पर कर्मचारियों की तैनाती गई है, उस फर्म को सरकार से वेतन के मद में 70 लाख रुपये चाहिए। वेतन मद में रुपये न मिलने की वजह से आकृति कांस्ट्रक्शन दुबौलिया बस्ती जिला दिव्यांग जनकल्याण अधिकारी को अनुबंध समाप्त करने के लिए पत्र लिख चुका है।

दूसरी ओर विभाग में तैनात कर्मचारियों का परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। अस्पताल में तैनात इन कर्मचारियों का धैर्य जवाब देने लगा है। पुनर्वास केन्द्र के कर्मचारियों का कहना है कि इस बारे में जिलाधिकारी से लेकर निदेशालय तक पत्र दिया है, कहीं पर सुनवाई नहीं हो रही है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने की वजह से परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।

विभाग न तो वेतन दे रहा है और न ही लिखित रूप में बाहर का रास्ता दिखा रहा है। दिव्यांग कल्याण अधिकारी पूनम यादव का कहना है कि इस बारे में शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। मौजूदा हालात में हो रही दिक्कतों से शासन को अवगत करा दिया गया है। समस्या का समाधान उच्च स्तर से ही हो सकता है।