गौ आधारित प्राकृतिक खेती योजनांतर्गत कृषकों को दी गई जानकारी

in #prakratik9 months ago

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झांसी:विकासखंड बड़ागांव में भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति के अन्तर्गत गौ आधारित प्राकृतिक खेती के द्वितीय चरण में चयनित 40 नवीन क्लस्टर से सम्बंधित लगभग 1400 किसानों को क्लस्टर गतिविधियों हेतु प्रारम्भिक प्रशिक्षण और एक्सपोज़र विजिट का समापन किया गया। उक्त कार्यक्रम दिनांक 13 दिसम्बर 2023 से 22 दिसम्बर 2023 तक श्याम बिहारी गुप्ता द्वारा संचालित किसान समृद्धि विद्यापीठ, ग्राम अम्बावाय, विकास खंड बड़ागाँव में कराया गया। जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रयोग की विधाये एवं तकनीकी, बीज/पौध पोषण (जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत/बीज शोधन, कीट एवं रोग नाशी प्रबन्धन तथा गौ आधारित प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम और एक्सपोजर विजिट के समापन सत्र में जिला किसी अधिकारी केके सिंह ने की जानकारी देते हुए बताया कि गौ आधारित खेती करने वाले कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराकर अधिकाधिक कृषकों को उक्त पद्धति अपनाये जाने हेतु प्रेरित करना तथा गौ आधारित प्राकृतिक खेती के माध्यम से अपनी आय को कम खर्चे में दोगुना करना का प्रचार प्रसार करना है ताकि अधिक से अधिक किसान कम लागत में खेती के माध्यम से अपनी आय को बढ़ा सके। उन्होंने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि उप कृषि निदेशक कार्यालय में हेल्पलाइन के माध्यम से जानकारी किसानों को दी जा रही है

कृषकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदर्शन के दौरान गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने वाले कृषकों को गौ आधारित खेती में उपयोग किये जाने वाले जीवामृत/धन जीवामृत तैयार करने का प्रदर्शन एवं बीजामृत से बीजों का शोधन करने की जानकारी मौके पर कृषकों को दी गई। विकासखंड बड़ागांव के ग्राम अम्बावाय में किसान समृध्दि विद्यापीठ में प्रतिभाग करने वाले कृषकों को प्राकृतिक खेती के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए जीवामृत् तैयार किये जाने के साथ ही उसके उपयोग की विधि को भी कृषकों से साझा किया।

समापन सत्र में जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में रासायनिक खेती के विनाशकारी दुष्परिणाम दृष्टिगोचर हो रहे हैं, जिनका प्रतिकूल प्रभाव जमीन, पानी, पर्यावरण और मानव जीवन पर स्पष्ट रूप से हो रहा है। साथ ही वर्तमान खेती काफी महंगी हो गयी है। वर्तमान रासायनिक आधुनिक खेती के दुष्परिणाम को गौ आधारित प्राकृतिक खेती / शून्य बजट खेती / न्यूनतम लागत कृषि को अपनाकर कम/न्यूनतम किया जा सकता है। गौ आधारित प्राकृतिक खेती से कम लागत में लाभकारी कृषि उत्पाद प्राप्त किया जा सकता है।

गौ आधारित शून्य / न्यूनतम लागत कृषि का खर्च एवं उसके क्रियान्वयन की परिकल्पना को दिशा प्रदान करना अत्यन्त सराहनीय प्रयास है। निःसंदेह इससे प्राप्त होने वाली प्रेरणा से कृषकों एवं आम जनमानस को हानिकारक रसायनों से मुक्ति मिलेगी और इस पद्धति से कृषि को नया आयाम मिलेगा।
इस पुस्तिका के प्रकाशन एवं सामग्री तैयार एवं नेतृत्व प्रदान करने में राजेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक (ब्यूरो) की भूमिका सराहनीय रही। अन्तिम रूप देने में विषय वस्तु विशेषज्ञ (प्रसार) अवधेश कुमार श्रीवास्तव का प्रयास विशेष उल्लेखनीय है।
उन्होंने कहा कि ‌मुझे आशा है कि इस पुस्तिका की सार्थकता गौ आधारित प्राकृतिक खेती" किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में गौ आधारित खेती करने वाले तथा गौ आधारित खेती के इच्छुक कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लाभ कृषकों से साझा करते हुए इस पद्धति से खेती करने हेतु कृषकों से अनुरोध किया गया।

इस मौके पर विषय वस्तु विशेषज्ञ श्री दीपक कुमार कुशवाहा एवं लल्ला सिंह सहित क्लस्टर में चयनित कृषक उपस्थित रहे।