74 लाख से बना तालाब गर्मी से पहले ही सूखा, अब उड़ रही धूल

in #pond8 months ago
  • देवरा और सरहरी तालाब में गड़बड़ी पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

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डिंडोरी:-जनपद पंचायत डिंडौरी के देवर और सरहरी में गुणवत्ताहीन अमृत सरोवर निर्माण मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत बहेरा में भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। यहां ग्रामीण यांत्रिका सेवा विभाग द्वारा बनाए गए अमृत सरोवर में जल संरक्षण और संग्रहण की मंशा पर पानी फिर गया है। लाखों की लागत से तैयार यह अमृत सरोवर गर्मी के पहले ही सूख गया है। गुणवत्ताहीन कार्य पर पर्दा डालने अधिकारी कम वर्षा को कारण बताकर लीपापोती करने में लगे हैं। उल्लेखनीय है कि गर्मी के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने और भू-जल स्तर बेहतर बनाए रखने अमृत सरोवर योजना प्रारंभ की गई थी। यह योजना धरातल पर जल संरक्षण व संग्रहण के मामले में फेल साबित हो रही है। जिम्मेदारों की ठेकेदार से गठजोड़ के चलते योजना के नाम पर पैसे को पानी की तरह खर्च किए जा रहे हैं लेकिन अमृत सरोवरो में पानी कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। जिले के कई अमृत सरोवरों ऐसे हैं जहां बूंद भर पानी नहीं है, इन सरोवरों में धूल उड़ रही है।

  • 74.57 लाख खर्च, उड़ रही धूल

जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत बहेरा में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा डिंडौरी द्वारा 74.57 लाख रुपए खर्च कर अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया है। जिम्मेदारों ने ठेकेदार से गठजोड़ कर ऐसा निर्माण कार्य कराया है कि गर्मी के पहले ही तालाब पूरी तरह से सूख गया। मुरमी पहाडी होने के साथ ही पानी का कोई जीवित जल स्त्रोत भी नहीं है। ऐसे में भविष्य में भी यह अमृत सरोवहर अनुपयोगी साबित होगा। बताया जा रहा है कि तालाब की मेढ़ से लगातार पानी का रिसाव होने की वजह से यह गर्मी से पहले ही सूख गया है।
पटल निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने किया था विरोध
ग्रामीणों की माने तो तालाब के पटल निर्माण में निर्धारित मापदण्डो का पालन नहीं किया गया। ठेकेदार के द्वारा मनमानी पूर्वक गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया है। इसे लेकर ग्रामीणों ने विरोध भी दर्ज कराया था। उपयंत्री और सहायक यंत्री की मिलीभगत के चलते पटल का निर्माण मापदंड के अनुरूप नहीं किया गया। गुणवत्ताहीन कार्य की वजह से बरसात में लबालब भरने के बाद भी तालाब गर्मी से पहले ही सूख गया। ग्रामीणों की माने तो तालाब की पिचिंग में भी अनुपयोगी छोटे-छोटे रोड़ी पत्थर का उपयोग किया गया है।

  • 101 योजनाएं स्वीकृत

जिले के सातो जनपद पंचायत अंतर्गत जल संरक्षण व संग्रहण के लिए लगभग 101 101 तालाब, वाटर सेट और परकुलेसन टैंक स्वीकृत किए गए था। इनके निर्माण में लगभग 4332.68 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके बाद भी जल संरक्षण व संग्रहण के सभी प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं।

  • अब तक नहीं हुई कार्रवाई

जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत देवरा और सरहरी तालाब निर्माण में लापरवाही की गई है। देवरा तालाब में गडबड़ी मामले में उपयंत्री को नोटिस जारी किया था। लेकिन अब तक दोनों ही मामलो में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।

  • कम वर्षा का दे रहे हवाला

तालाब निर्माण में गुणवत्ता व मापदण्डो की अनदेखी करने वाले अधिकारी कर्मचारी अब कम वर्षा का बहना बनाकर बचते नजर आ रहे हैं। मामले में उपयंत्री अमित ननोटे का कहना है कि कम वर्षा के कारण तालाब में जल संग्रहण नहीं हो पाया और गर्मी के पहले ही सूख गया। जबकि इस वर्ष तीन दिन की लगातार बारिश में सभी नदी- नाले उफान में रहे और मां नर्मदा के जल स्तर ने कई वर्षों का रिकार्ड तोड दिया है।

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हद दर्जे की लापरवाही

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