ओवैसी ने भागवत पर लगाया ‘डराने’ का आरोप, पूछा- जब हिंदू-मुसलमानों का DNA एक तो असंतुलन कहां है
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यदि हिंदुओं और मुसलमानों का एक ही डीएनए है, तो असंतुलन' कहां है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्ली: AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत पर अपनी दशहरा रैली के दौरान भारत में ‘जनसंख्या असंतुलन’ को लेकर डरने का आरोप लगाया। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि इस तरह की बयानबाजी के परिणामस्वरूप दुनिया भर में नरसंहार और घृणा अपराध हुए हैं।
अवैसी ने कहा कि उदाहरण के लिए सर्बियाई राष्ट्रवादियों की ओर से अल्बानियाई मुसलमानों के नरसंहार के बाद कोसोवो बनाया गया था। हैदराबाद के सांसद ने जोर देकर कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत की कुल प्रजनन दर में काफी गिरावट आई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यदि हिंदुओं और मुसलमानों का एक ही डीएनए है, तो असंतुलन’ कहां है? जनसंख्या नियंत्रण की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि चिंता बढ़ती आबादी और बेरोजगार युवाओं की है। उन्होंने ये भी कहा कि मुसलमानों में प्रजनन दर में सबसे तेज गिरावट आई है।
इससे पहले मोहन भागवत ने भारत के जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणामों के बारे में बात करते हुए एक समग्र जनसंख्या नीति की आवश्यकता पर बल दिया जो सभी पर लागू हो। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि जब तक हम अपनी जनसंख्या कम नहीं करते तब तक कुछ नहीं हो सकता। यह कथन पूरी तरह से सत्य नहीं है। यह सच है कि जितनी अधिक जनसंख्या, उतना अधिक बोझ। हमारे पास एक बड़ी आबादी है। इसे एक बोझ के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
जनसंख्या असंतुलन के बारे में आशंका व्यक्त करते हुए भागवत ने कहा कि 50 साल पहले जनसंख्या असंतुलन के कारण हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़े थे। ऐसा नहीं है कि हमें केवल परिणामों का सामना करना पड़ा। बढ़ती जनसंख्या के कारण पूर्वी तिमोर नाम के एक नए देश का गठन किया गया था। दक्षिण सूडान नाम के एक नए देश का गठन किया गया था। कोसोवो का गठन किया गया था। विभिन्न समुदायों की आबादी में अंतर के कारण नए देशों का गठन किया गया था। देशों को विभाजित किया गया था।