उद्धव ठाकरे के साले पर ईडी की कार्रवाई: क्या अब ये आर-पार की लड़ाई है?

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NEWS DESK: WORTHEUM : PUBLISHED BY, SURENDRA PRATAP
23 मार्च 2022, 15:15 IST
अपडेटेड 45 मिनट पहले
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर माधव पाटणकर की संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय के कार्रवाई करने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है.

इस मुद्दे को लेकर अब बीजेपी मुख्यमंत्री के इस्तीफ़े की मांग कर रही है. ऐसे वक्त सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी के नेताओं की तरफ आर-पार की लड़ाई की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है.

मंगलवार को श्रीधर पाटणकर के ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में दो सवालों पर चर्चा छिड़ गई है- पहला ये कि, पाटणकर पर हुई कार्रवाई को लेकर शिवसेना की क्या प्रतिक्रिया होगी और, दूसरा ये कि क्या इसका असर प्रदेश की सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी पर पड़ सकता है.

इन प्रश्नों के उत्तर तलाशने के लिए बीबीसी मराठी सेवा ने बीते दो दशक से अधिक वक्त से महाराष्ट्र की राजनीति पर नज़र रखने वाले जानकारों और विश्लेषकों से बात की.

आगे क्या करेगी शिव सेवा?

शिव सेना की भूमिका को लेकर मृणालिनी नानीवड़ेकर ने बताया कि पार्टी के नेता ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनमें एकता है.

वो कहती हैं, "वो दिखा रहे हैं कि शिव सेना और ठाकरे परिवार एक ही हैं. लेकिन मंगलवार को हुई कार्रवाई के बाद शिव सेना क्या करती है ये देखने के लिए हमें इंतज़ार करना होगा."

हालांकि वरिष्ठ पत्रकार संदीप प्रधान के अनुसार "श्रीधर पाटणकर पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई हुई है और इसमें ज़मानत नहीं मिलती. इस मामले में शिव सेना के पास अब पाटणकर को निर्दोष साबित करने के इलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है."

वो कहते हैं, "अब शिव सेना की प्रतिक्रिया पलट कर विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई करने की हो सकती है. जैसे कि प्रवीण दरेकर पर चल रहे बैंक घोटाले के मामले में कुछ कर सकती है."

एमएलसी बनने के बाद भी दरेकर मज़दूर की पहचान के साथ लेबर सोसायटी के सदस्य बने रहे और 2017 से 2021 तक लेबर कोटा के तहत मुंबई डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रहे थे.

हालांकि वरिष्ठ पत्रकार हेमंत देसाई का कहना है कि शिव सेना या महाविकास अघाड़ी प्रदेश में बीजेपी पर हमला करने की कोई रणनीति भी बना सकती है. वो कहते हैं, "चाहे दरेकर के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो या फिर फ़ोन टैपिंग का मामला हो, इस तरह की कार्रवाई उनके जवाबी हमले का हिस्सा हो सकती है."

"हालांकि अब तक शिव सेना किसी रणनीति पर काम करती दिखाई नहीं दे रही है. लेकिन महाविकास अघाड़ी इसकी क्या प्रतिक्रिया देगी, और फिर शिव सेना क्या प्रतिक्रिया देगी, इसे लेकर अब तक स्पष्ट कुछ नहीं दिख रहा है. बड़ा सवाल ये भी है कि क्या श्रीधर पाटणकर के ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई का सत्ताधारी गठबंधन पर कोई असर पड़ सकता है.