मुलायम सिंह यादव - स्मृति शेष

in #politics2 years ago (edited)

हरपालपुर चौहरे #हत्याकांड के पीड़ित के घर पहुंचे थे मुलायम, 16 साल बाद दिलाई थी वारिस को नौकरी

घटना के #खुलासे पर अड़े पूर्व विधायक विश्राम सिंह यादव को भेजा था जेल

कार्यवाहक सपा जिलाध्यक्ष कमलेश पाठक ने संभाली थी #धरने की कमान, हत्याकांड के पीड़ित के घर उतारे थे तीन हेलीकॉप्टर

हरदोई


नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर उनकी संवेदनशीलता को याद कर पंचनद कटरी की आंखें भी नम हैं। वाकया ही कुछ ऐसा है कि आज जब नेताजी नहीं रहे तो कटरी की जुबां पर है सितंबर 1997 को हरपालपुर कस्बे के प्रमुख व्यवसायी एवं शिक्षक जयप्रकाश मिश्र सहित परिवार का चौहरा हत्याकांड और पीड़ित परिवार के घर तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के आने की चर्चा। हत्याकांड के खुलासे को लेकर तत्कालीन भाजपा सरकार और विधायक गंगा सिंह चौहान की तटस्थता और पूर्व विधायक विश्राम सिंह यादव की धरना-प्रदर्शन के साथ सक्रियता से हालात बेकाबू होने पर पुलिस प्रशासन ने लाठी चार्ज किया। भगदड़ मचने पर प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस ने सैकड़ों लोगों को घरों-दुकानों से खींचकर जेल में ठूंस दिया। पूर्व विधायक विश्राम सिंह यादव और उनके अनुज ब्लॉक प्रमुख बलराम सिंह यादव के साथ बदसलूकी करते हुए जेल भेज दिया। तो महीनों तक चले धरना प्रदर्शन की कमान सपा के तत्कालीन उपाध्यक्ष एवं कार्यवाहक जिलाध्यक्ष के रूप में कमलेश पाठक ने संभाली।

इस पूरे प्रकरण की गूंज उच्चस्तर तक पहुंची। जिसने मुलायम सिंह यादव को विचलित कर दिया और वह एकाएक मृतक परिवार के गांव जा पहुंचे और पूरे घटनाक्रम पर मृतकों के सम्बंधी अवनिकांत वाजपेयी से विचार-विमर्श किया। घटना में हरपालपुर क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यवसायी ईंट भट्टा एवं पेट्रोल पंप मालिक जयप्रकाश मिश्र उर्फ बड़े और उनकी पत्नी मुन्नीदेवी सहित उनके पिता बृजकांत मिश्र एवं पुत्री नन्ही बिटिया के चौहरे नृशंस हत्याकांड के साथ लाइसेंसी असलहों व सोना-चांदी और लाखों की नकदी लूटने की आहों-कराहों से पूरी पंचनद कटरी भय तथा आक्रोश से उबल उठी। एक ही परिवार के चौहरे जघन्य हत्याकांड एवं लूट की दर्द भरी टीसें लखनऊ से लेकर दिल्ली तक गूंजीं। तो एक संवेदनशील राजनेता का परिचय देते हुए तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव तीन हेलीकॉप्टर के बेड़े सहित मृतकों के पैतृक गांव पाण्डेयपुरवा पहुंचे और उनके परिवारीजनों को ढाढस बंधाया। इस घटना में पिता पुत्र, पत्नी और दुधमुंही पुत्री सहित चार लोग मारे गये थे। जिसमें दोनाली बंदूकों सहित लाखों के जेवरात एवं नगदी की लूट की गई थी और उनके एकमात्र पुत्र अमित मिश्र को मरणासन्न अवस्था में डकैत छोड़ कर चले गए थे। घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों तथा राजनैतिक समाजसेवियों ने धरना प्रदर्शन किया। तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष स्व. विश्राम सिंह यादव के नेतृत्व में सैकड़ों लोग जेल में बंद कर दिए गए। उस समय नेताजी भारत सरकार में रक्षा मंत्री थे। उन्होंने जयप्रकाश मिश्र के हरपालपुर ब्लॉक स्थित पैतृक गांव पाण्डेपुरवा में नवंबर 1997 में तीन हेलीकॉप्टर उतारकर परिवार को सांत्वना दी और जयप्रकाश के परिवार को गोद लेने एवं हत्याकांड का पर्दाफाश कराने की घोषणा हरपालपुर की जनसभा में की। चौहरे हत्याकांड के 16 वर्ष बाद मृतक स्व. जय प्रकाश मिश्र के एकमात्र वारिस अमित मिश्र को मृतक आश्रित के रूप में बेसिक शिक्षा परिषद हरदोई में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा लिपिक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति की गई जो कि स्वयं में एक संवेदनशील जननेता होने का उदाहरण है। तत्कालीन रक्षामंत्री के रूप में मुलायम सिंह यादव का 1997 में चौहरे हत्याकांड में पीड़ित परिवार तक आना और 16 साल बाद बालिग हुए वारिस को शिक्षा विभाग में मृतक आश्रित के रूप में नौकरी दिलाना कटरी क्षेत्र के आम जनमानस के स्मृति पटल पर जीवंत है जो उन्हें एक सच्चा जननेता बनाता है।

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