बीजेपी से नफ़रत और आरएसएस से मोहब्बत, ममता बनर्जी के नए बयान के मायने क्या हैं?
आरएसएस पहले बुरी नहीं थी. मुझे नहीं लगता कि आरएसएस उतनी बुरी है. अब भी आरएसएस में कई अच्छे और सच्चे लोग हैं और वे बीजेपी को सपोर्ट नहीं करते. एक दिन वे भी अपनी चुप्पी तोड़ेंगे."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर दिया ये ताज़ा बयान आजकल सुर्खियों में है. उनके इस बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
इस वीडियो को कांग्रेस और वामपंथी नेता भी खूब शेयर कर चुटकी भी ले रहे हैं.
लेकिन ऐसा नहीं है कि आरएसएस की तारीफ़ ममता बनर्जी ने पहली बार की है.
एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस की तारीफ वाला इस बार का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि साल 2003 में भी ममता बनर्जी ने आरएसएस को देशभक्त कहा था. बदले में आरएसएस ने उन्हें दुर्गा कहा था. आरएसएस हिंदू राष्ट्र चाहती है. आरएसएस का इतिहास मुसलमान विरोधी 'हेट क्राइम' से भरा है.
ओवैसी ने ये भी कहा कि गुजरात दंगों के बाद ममता बनर्जी ने संसद में बीजेपी सरकार का बचाव किया था.
उन्होंने तंज़ करते हुए लिखा है, "उम्मीद है कि टीएमसी के मुस्लिम नेता ममता बनर्जी की ईमानदारी को लेकर उनकी सराहना करेंगे."