कर्नाटक के बाद तेलंगाना पर नज़र, क्या बीजेपी दक्षिण भारत में उत्तर जैसा कमाल कर पाएगी
बीजेपी ने दक्षिण भारत में अपनी जगह बनाने की रणनीति के तहत 18 साल बाद तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने का फ़ैसला किया है.
हैदराबाद में ही आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वाजपेयी के दौर वाली बीजेपी ने आम चुनाव में जाने का एलान किया था.
हालांकि, इंडिया शाइनिंग अभियान असफल रहा और इसके बाद बीजेपी दस साल बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कांग्रेस-नीत यूपीए को सत्ता से बाहर कर पाई.
इसके बाद से बीजेपी ने उत्तर भारत से बाहर निकलकर देश के अलग-अलग कोनों में अपनी जगह बनाई है.
लेकिन बीजेपी अब तक दक्षिण भारत में बहुत सफल नहीं हुई है. सिर्फ कर्नाटक एक अपवाद है जहां बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने 2008 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी.