गेहूं के निर्यात पर पाबंदी का सरकार का फैसला किसान विरोधी कदम: कांग्रेस

in #politics2 years ago

20220514_230947.jpgभारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से पाबंदी लगा दी है। सरकार के इस कदम को कांग्रेस ने किसान विरोधी बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया है कि सरकार ने गेहूं की पर्याप्त ख़रीद नहीं की जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है कि निर्यात पर रोक लगाना पड़ा है।

बता दें कि आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक़, भारत ने घरेलू बाज़ार में गेहूं की बढ़ती क़ीमतों के मद्देनज़र यह फ़ैसला लिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि भारत, पड़ोसी देशों और दूसरे ज़रूरतमंद देशों की खाद्य सुरक्षा ख़तरे में है। सरकार ने कहा कि यह क़दम "देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य ज़रूरतमंद देशों की ज़रूरत का समर्थन करने" के लिए उठाया गया है।

उदयपुर में कांग्रेस पार्टी का तीन दिवसीय चिंतन शिविर चल रहा है। इस मौके पर जब पत्रकारों ने चिदंबरम से निर्यात पर पाबंदी वाले कदम के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में गेहूं खरीदने में नाकाम रही है। ऐसा नहीं है कि गेहूं का उत्पादन कम हुआ है. वास्तव में ये थोड़ा अधिक हो सकता है।''

चिदंबरम ने कहा कि अगर खरीद हुई होती तो गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उन्होंने आगे कहा, ''गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किसान विरोधी कदम है और मुझे इस कदम को लेकर हैरानी नहीं है क्योंकि ये सरकार किसान हितैषी रही ही नहीं है।''