ग़ुलाम नबी आज़ाद का जाना, राहुल गांधी के लिए खुशखबरी है?
लोकसभा चुनाव के बाद जब राहुल गांधी ने इस्तीफ़ा दिया था, तो उनकी दबी इच्छी थी कि कांग्रेस की करारी हार की ऐसी ही ज़िम्मेदारी बाक़ी पदाधिकारी भी लें.
इस वजह से उन्होंने अपने इस्तीफ़े में लिखा था, "लोकसभा चुनाव की हार की ज़िम्मेदारी तय करने की ज़रूरत है. इसके लिए बहुत सारे लोग ज़िम्मेदार हैं. लेकिन अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैं ज़िम्मेदारी ना लूं और दूसरों को ज़िम्मेदार बताऊं, ये सही नहीं होगा."
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता ऑफ़ रिकॉर्ड इस बात को स्वीकार भी कर रहे थे कि राहुल गांधी के इस्तीफ़े के बाद हार की ज़िम्मेदारी पार्टी के दूसरी वरिष्ठ नेता लें.
लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ.
तीन साल बाद पार्टी के दो वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आज़ाद पार्टी को टा-टा, बाय-बाय कह चुके हैं. हालांकि इस लिस्ट में आरपीएन सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे और कई और बड़े नाम भी शामिल हैं.
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