बाराबंकी में अखिलेश यादव का पुतला जलाया: सपा को हिंदू विरोधी पार्टी कहा, माफिया और मठाधीश के बयान
बाराबंकी 14 सितम्बरः (डेस्क)भारतीय जनता युवा मोर्चा (भा.ज.यु.मो.) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया, जिसमें कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें हिंदू विरोधी करार दिया।
प्रदर्शन का कारण
भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव की हालिया आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में किया। कार्यकर्ताओं ने अखिलेश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसमें "अखिलेश यादव शर्म करो" जैसे नारे शामिल थे।
प्रदर्शन के आयोजन
प्रदर्शन का नेतृत्व युवा नेता अंकित गुप्ता ने किया, जिन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सपा के नेता हमेशा हिंदू विरोधी विचारधाराओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियों से समाज में विभाजन पैदा होता है।
विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन
यह विरोध प्रदर्शन केवल एक स्थान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में आयोजित किया गया। लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक पैदल मार्च निकाला और हजरतगंज से भाजपा मुख्यालय तक पहुंचे, जहां उन्होंने पुतले को जलाया।
समाज पर प्रभाव
भाजयुमो के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार के प्रदर्शनों से समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग सपा की नीतियों को समझेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सपा की विचारधारा हिंदू विरोधी है, और यह समाज के लिए हानिकारक है।
निष्कर्ष
इस प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक मतभेद गहरे हैं। भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई है, जो आगे चलकर राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।