कांग्रेस अध्यक्ष पद से क्यों दूर भाग रहें हैं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत?

गहलोत जी को पता है कि राजनीति में हमेशा बहार नहीं रहती है. उदय के साथ अस्त भी होता है. इसी लिये वह चाहते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करें और यदि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में सफलता मिलती है है तो वह फिर से मुख्यमंत्री ही बनें.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद म्यूजिकल चेयर बन गया है. कांग्रेस अध्यक्ष का पद कांग्रेस नेताओं के इर्द गिर्द घूम रहा हैं. मगर सभी नेता अध्यक्ष बनने से इनकार कर रहे है. कांग्रेस पार्टी के हर बड़े नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. मगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने से लगातार इंकार कर रहे हैं. उन्होंने पार्टी नेताओं को साफ शब्दों में कह दिया है कि वह किसी भी सूरत में कांग्रेस अध्यक्ष बनना नहीं चाहते हैं. वह बिना पद के ही पार्टी का काम करना चाहते हैं. राहुल गांधी के इंकार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक, वर्किंग कमेटी की सदस्य कुमारी शैलजा सहित कई नेताओं के नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं. मगर कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अध्यक्ष का पद संभाले. अशोक गहलोत कांग्रेस पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता है. जो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ काम कर चुके हैं. ऐसे में वह सब के साथ तालमेल बिठाकर काम कर सकते हैं. जैसे ही कांग्रेसी हलकों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत का नाम आगे आया वैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अध्यक्ष बनने से इंकार कर दिया. गहलोत का कहना है कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत कर सकते हैं.

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