कोतमा नगर सरकार बनाने में निर्दलीय की रहेगी अहम भूमिका*

in #political2 years ago

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कोतमा नगर पालिका के 15 वार्डों में कांग्रेश के सात पार्षद भाजपा के छह पार्षद सहित तो निर्दलीय पार्षदों की जीत संपन्न होने के बाद अब सभी को इंतजार है की किसकी बनेगी नगर सरकार।वार्ड और केंद्रवार मतदान के आंकड़े मिलने के बाद चुनाव में विजय पाने वाले सभी प्रत्याशियों,समर्थकों,पार्टी पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं, नेताओं ने अपने-अपने स्तर पर गुणा-भाग लगाना शुरू कर दिया है।मतदान के प्रतिशत में आए अंतर और वार्ड नंबर 1 एवं वार्ड नंबर 12 में पार्षद पद पर दिखी निर्दलीयों की ताकत ने कांग्रेस-भाजपा को असमंजस में डाल दिया है।हालांकि दोनों प्रमुख दलों को अपनी-अपनी जीत का विश्वास है,वहीं राजनीतिक गलियारों में दोनों दलों की हार-जीत में पार्षद पद के निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है।

कोतमा नगर के 15 वार्डों में भाजपा,6 में कांग्रेस,7 में 2 वार्डों में निर्दलियों ने जमाया कब्जा*

कोतमा नगर पालिका के परिणामों की गिनती शुक्रवार 30 सितंबर को नगर के उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शांतिपूर्ण सपन्न हुई,जिसमें वर्षों से सत्ता से दूर कांग्रेश ने शहर पर अपनी पकड़ को मजबूत रखने में सफलता हासिल की,दूसरी तरफ नगर के 2 वार्डों में निर्दलियों ने जीत हासिल कर भाजपा व कांग्रेस दोनो के सत्ता के सिंहासन के गणित को बिगाड़ दीया है।
जबकि अन्य निर्दलियों की वजह से ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ है,जिस कारण 15 वार्डों में से 7 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी अपना चुनाव जीत गए।और 6 वार्डो मे ही भाजपा जीत का परचम लहरा सकी।चूंकि अब जनता ने नगर के वार्डो में भाजपा कांग्रेश दोनों को ही।स्पष्ट बहुमत से दूर रखा है।अब नगर सरकार बीजेपी की होगी या कांग्रेस की यह जनता में चर्चा का माहौल गर्म है।वहीं वार्ड नंबर दो से स्वर्गीय जननायक राजेश सोनी के सुपुत्र अभिषेक सराफ पिंकू की जीत से उनका कद बढ़ा दिया है,ओर उन्होंनेअपनी राजनीतिक पकड़ और समझ को एक बार फिर साबित किया है,अब अध्यक्ष की कुर्सी के लिए भाजपा कांग्रेश दोनों ही पूर्ण बहुमत में नहीं है। वही दोनों ही दलों से अध्यक्ष पद के दावेदार अपनी ही सरकार बनने की बात कह रहे हैं दोनों ही दलों के उम्मीदवारों के समर्थकों में भी हर्ष का माहौल है।

भाजपा जिला अध्यक्ष के वार्ड से भाजपा हारी बना जन चर्चा का विषय

भाजपा के गढ़ के रूप में पहचान बना चुके कोतमा में नगर पालिका चुनाव में कब्जा तो दूर,सत्ताधारी दल भाजपा काफी पीछे रह गई वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष अपने स्वयं के वार्ड में भाजपा प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके जिसको लेकर नगर से जिला तक जन चर्चा का विषय बना है कि नगर पालिका चुनाव में भाजपा इस शिखर में पहुंच गई है तो आगामी विधानसभा चुनाव में जी क्या भाजपा नेतृत्व कोयलांचल में भाजपा की जीत सुनिश्चित कर पाएगी या फिर हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बाजी मार जाएगी।
नगर पालिका चुनाव का बिगुल बजते ही सत्ताधारी दल में बेचैनी दिखने लगी थी।नगर में कमजोर संगठन व टिकट न मिलने से नाराज़ नेताओं का विरोधी सुर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेश को मजबूत कर रहा था। नगर पालिका चुनाव के परिणाम भी सत्ताधारी दल के पक्ष में नहीं आए,अधिकृत तौर पर 15 सदस्यीय कोतमा नगर पालिका में भाजपा के 6 प्रत्याशी ही चुनाव जीत सके।

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