UP- श्रीकांत त्यागी मामले में समाजवादी पार्टी में कलह के आसार, महानगर उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा!

in #political2 years ago

नोएडा- महिला के साथ बदसलूकी करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी के मामले को लेकर आज शुक्रवार को अनु त्यागी से समाजवादी पार्टी का 9 सदस्यीय डेलिगेशन मिलेगा।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लेटर के बाद ये मुलाकात होगी। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि उससे पहले नोएडा महानगर के उपाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शैलेंद कुमार ने सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो ठंडे तवे पर रोटियां सेंकने की कोशिश कर रही है। आपको बता दें कि शैलेंद्र कुमार ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को खत लिख कर अपना इस्तीफा सौंपा।
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नोएडा महानगर के सपा उपाध्यक्ष का इस्तीफा

नोएडा महानगर के उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देते हुए शैलेंद्र कुमार ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेटर में लिखा कि मैं शैलेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष, नोएडा, महानगर समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के श्रीकांत त्यागी (सोसाइटी के महिला के साथ बदतमीजी और धक्का-मुक्की के साथ वैश्य जाति पर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का आरोपी) के परिवार से मिलने के पार्टी के निर्णय से असहमत होते हुए जिला उपाध्यक्ष नोएडा महानगर अपने पद एवं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपने सभी सहयोगियों के साथ इस्तीफा दे रहा हूं। महिलाओं के साथ गाली गलौज धक्का-मुक्की और बदतमीजी मुझे या मेरे किसी भी सहयोगी को बर्दाश्त नहीं है।

सपा उपाध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

उन्होंने आगे कहा कि आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष 9 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को इनाम घोषित अपराधी श्रीकांत त्यागी के परिवार से मिलने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? जिस अपराधी प्रवृति के व्यक्ति से बीजेपी ने दामन छुड़ा लिया उससे सपा कैसे चिपक सकती है? सोसाइटी के अलावा नोएडा उत्तर प्रदेश और पूरे देश में हर कोई महिला की साथ दुर्व्यवहार पर दुखी है। याद रहे कि जिस दिन विशेष वर्ग की रैली श्रीकांत के पक्ष में हुई थी उसी दिन सोसायटी में महिलाओं ने जोरदार विरोध किया था।

ठंडे तवे पर रोटी सेंक रही सपा

शैलेंद्र कुमार ने खत में लिखा, 'राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मैं बताना चाहता हूं कि उस रैली में, नोएडा के किसी भी सोसाइटी के 10 लोग भी श्रीकांत के पक्ष में नहीं पहुंचे थे। सभ्य समाज में कोई भी इंसान महिला के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगा, चाहे वह किसी भी जाति धर्म संप्रदाय लिंग या भाषा का हो।' उन्होंने आगे लिखा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछना चाहता हूं कि जब यह मामला ठंडा पड़ रहा था तो अचानक महिला विरोधी निर्णय क्यों? आखिर कहीं ठंडे तवे पर रोटी सेकी जाती हैं क्या?

उन्होंने आगे कहा कि महिला की प्रतिष्ठा से छेड़छाड़ का यह संवेदनशील मामला है जिसमें आधी आबादी श्रीकांत त्यागी के इस घृणित कृत्य से दुखी है और न्याय चाहती है। इसका वीडियो भारत के हर महिलाओं और बच्चियों के पास पहुंच चुका है। इसके अलावा जातिसूचक शब्द का गंदे तरीके से प्रयोग श्रीकांत द्वारा किया गया है।

ऐसा लगा है कि यह प्रतिनिधिमंडल सिर्फ श्रीकांत त्यागी को संतुष्ट करने के लिए भेजा जा रहा है क्योंकि ज्यादातर सदस्य उसी की जाति के हैं, जबकि पीड़ित महिला की जाति के एक भी सदस्य को उस डेलिगेशन में रखा नहीं गया है। इसका मतलब यह है समाजवादी पार्टी के इस डेलिगेशन भेजने से जातीय संघर्ष को बढ़ावा मिलेगा। समाजवादी पार्टी पर पहले से ही जातीयता का ठप्पा लगते रहा है।