A kid got hit by a police jeep

in #police2 years ago

पुलिस की बेकाबू जीप ने 12 साल के बच्चे से उसका बचपन छीन लिया। 4 महीने पहले जोधपुर में माता का थान इलाके में घर से नोटबुक लेने निकले बच्चे को पुलिस की एस्कॉर्ट जीप ने टक्कर मार दी थी। बच्चे की जान तो बच गई लेकिन वह 4 महीने बेड पर रहा। मां 2 साल पहले गुजर चुकी थी। पिता को कैंसर है। तीन बहनें हैं। बच्चे का एक हाथ व लेफ्ट लंग्स खराब हो चुका है। शर्मनाक बात ये है कि मामले में FIR के बावजूद अभी तक पुलिस चालान तक पेश नहीं कर पाई। जिस जीप से टक्कर मारी गई उसका इंश्योरेंस भी नहीं था। बच्चा पिता से पूछता है कि उसका यह हालत करने वाले को सजा मिली या नहीं।
राधेश्याम के पिता घेवरराम टैक्सी चलाते हैं। घर खर्च मुश्किल से चलता है। राधेश्याम के एक्सीडेंट के बाद से वे 19 जनवरी से ही अस्पताल में बेटे के साथ थे। बेटे को अब घर लाया नहीं गया। घेवरराम का कहना है कि बिन मां के बच्चे को मां की तरह संभाला है। वे पुलिस के व्यवहार से भी आहत हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी टैक्सी चलाता हूं, हादसे हम से भी होते हैं। लेकिन हम घायल को संभालते हैं। उनके परिवार से मिलते हैं और गलती स्वीकार करते हैं। लेकिन जिस पुलिस कर्मी ने राधेश्याम को टक्कर मारी उसने आकर हालत तक नहीं देखी। यहां तक कि अभी तक पुलिस ने दोषी पर कोई कार्रवाई तक नहीं की।

उस दिन नोटबुक लेने गया था राधेश्याम
19 जनवरी को पुलिस की गाड़ी सेना अधिकारी को एस्कॉट कर वापस पुलिस लाइन लौट रही थी। राधेश्याम नोट बुक लेने गया था। दुकान के बाहर उसने साइकिल का लॉक खोला और नोट बुक को पीछे कैरियर पर लगा रहा था। इसी दौरान पीछे से आ रही पुलिस की गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। राधेश्याम की तीन बहनें भी उसे लेकर दुखी हैं। बहनों ने पहले हादसे के बाद से ही अस्पताल के चक्कर काटे। अब घर पर राधेश्याम का खयाल रख रही हैं। मां को खोने के बाद भाई की ऐसी स्थिति से बहनें दुखी हैं।