"कहा सवालों ने तुमसे जवाब मांगते है"
कहा सवालों ने तुमसे जवाब मांगते हैं,
हम अपनी आंखों के हिस्से का ख्वाब मांगते हैं।
हम ही को दरिया पर जाने से रोकने वाले,
हम ही से पानी का सारा हिसाब मांगते है।
अजीब लोग हैं इन पर तो रहम आता हैं,
जो काँटे बोकर जमी से गुलाब मांगते हैं।
गुनहगार तो नज़रे हैं आपकी वरना,
कहा ये फूल से चेहरे जबाव मांगते हैं।।