समारोह में याद किये गए साहित्यकार गंगाबाबू
याद किये गये जे.पी.श्रीवास्तव उर्फ गंगा बाबू
उपस्थित साहित्यकार कवि एवं साहित्य अनुराग ओ आज दिनांक 234 2022 को गंगा बाबू के पैतृक आवास पर उनकी इस मूर्ति में एक बैठक एवं माल्यार्पण का कार्यक्रम किया गया जिस में उपस्थित डॉक्टर उमा सिंह कवित्री ने जेपी बाबू की इस मूर्ति में अपने उद्गार व्यक्त की उन्होंने कहा कि जेपी बाबू ने सरकारी सेवा में रहते हुए समाज की विकृतियों पर अपने हास्य रचना के माध्यम से कड़ा प्रहार किया है कविवर अवधेश कुमार सिंह अवधेश ने गंगा बाबू के प्रति अपनी रचना पढ़ते हुए कहा कि हंसी जब बेबसी में मोहन ना हो बैठो बैठकर काबू में ध्यान बरबस ही लग जाए हाथ कभी गंगा बाबू ने हनी को मूल से सांसे महेश अल्फाज की फितरत दूल्हा है आबू धाबी में दुल्हन माउंट आबू में इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में अनेक साहित्यकार एवं समाजसेवी कार्यक्रम में उपस्थित हुए समाजसेवी धर्म आज ने जेपी बाबू की मूर्ति की स्थापना नगर पालिका क्षेत्र के किसी चौराहे पर रखने का प्रस्ताव किया डिप्टी ओझा ने जेपी बाबू के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा उनके द्वारा कि मृत पुस्तकों को आम आम जनमानस तक पहुंचाने का प्रस्ताव रखा वाजिद अली ने गंगा बाबू के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त किया तथा यह अपेक्षा की कि भविष्य में ऐसे महान व्यक्ति का परिचय आम जनमानस पर पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जाए इस कार्यक्रम में के बी सिंह जी व अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
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